अपडेटेड 15 July 2025 at 12:09 IST
छांगुर पर एक्शन नहीं लेने वाले अधिकारियों पर योगी सरकार लेगी बड़ा एक्शन! 5 सालों में तैनात अफसरों की तैयार हो रही है लिस्ट
Changur Baba Conversion Case: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उन अफसरों की लिस्ट तैयार करनी शुरू कर दी है जो पिछले पांच सालों में बलरामपुर में तैनात थे और जिन्होंने इतने बड़े स्तर पर धर्मांतरण होने के बावजूद छांगुर पर कोई एक्शन नहीं लिया, बल्कि उसकी काली करतूतों को छिपाते रहे और जिन लोगों ने छांगुर के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई उन्हें परेशान करते रहे।
- भारत
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Changur Baba News: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले से गिरफ्तार छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन के हिन्दू धर्म की लड़कियों का मुस्लिम धर्म में धर्मांतरण करवाने के आरोपों को लेकर हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। अब योगी सरकार ने जलालुद्दीन पर लिए गए एक्शन के बाद उन अफसरों को संज्ञान में लिया है जिनकी शह पर जलालुद्दीन ने हजारों लोगों का धर्म परिवर्तन करवाया। इन अफसरों की नाक के नीचे धर्मांतरण का इतना बड़ा खेल होता रहा और ये चुप्पी साधे बैठे रहे। इस मामले में कई गवाहों ने यूपी एटीएस को और मीडिया को भी इस बात की जानकारी दी है कि तत्कालीन अफसर छांगुर के दबाव में होते थे। कोई भी अफसर छांगुर के खिलाफ सुनवाई करने को तैयार नहीं था। अब योगी सरकार ऐसे अफसरों के खिलाफ एक लिस्ट तैयार कर रही है जिनकी तैनाती पिछले 5 सालों के दौरान बलरामपुर में थी और वो छांगुर के खिलाफ एक्शन लेने से बचते रहे।
रसूलाबाद के रहने वाले हरजीत सिंह जो छांगुर बाबा उर्फ जलालु्द्दीन के यहां मुंशी के तौर पर काम किया करते थे, मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि छांगुर ने उनके ऊपर भी धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया था। इसके लिए उसने हरजीत को पैसों और घर बनवाने का लालच दिया था। पहले तो हरजीत ने इसे मजाकिया तौर पर लिया लेकिन जब उन्होंने सीरीयस हो कर छांगुर की इस मांग का विरोध किया तो छांगुर ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर मुझे धमकाने की कोशिश की। हरजीत ने बताया कि 2 नवंबर 2022 में बलरामपुर सेशन कोर्ट में मैंने छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन पर धर्म परिवर्तन करने का मुकदमा दर्ज करवाया था। वहां पर हम लोगों को पेल्टिंग में कर दिया गया था जहां हमारी सुनवाई नहीं होती थी। छांगुर पैसे वाला था उसकी सुनवाई होती थी।
छांगुर की बात नहीं मानने वालों पर शुरू होते थे फर्जी मुकदमे
कुछ समय बाद जब छांगुर को पता चला कि मैंने उसके ऊपर मुकदमा कर दिया है तो उसने हर्रैया थाने की एक पिंकी नाम की लड़की जो छांगुर की शिष्या थी उससे मेरे ऊपर रेप का मुकदमा दर्ज करवा दिया। जब बाबा को लगा कि उसके ऊपर धर्मांतरण का केस लग गया है तो उसने मुझे टॉर्चर करने के लिए पिंकी से फर्जी रेप का मुकदमा दर्ज करवा दिया। हरजीत ने बताया कि छांगुर ने उनके ऊपर भी तत्कालीन पुलिस अधिकारियों के दबाव में मुकदमा दर्ज करवा दिया था। पिंकी नाम की लड़की ने जो कि बाबा की चेली थी उसने हरजीत के ऊपर रेप का फर्जी मुकदमा दर्ज करवा दिया था।
छांगुर उर्फ जलालुद्दीन के थे माफिया अतीक अहमद से संबंध
उत्तर प्रदेश के कुख्यात बाहुबली अतीक अहमद के छांगुर बाबा से संबंध थे इस बात का दावा बीजेपी नेता और अंबा श्रावस्ती के जिला पंचायत अध्यक्ष दद्दन मिश्रा ने करते हुए बताया कि छांगुर बाबा के अतीक से घनिष्ठ रिश्ते रहे हैं। मिश्रा के मुताबिक, अतीक के गुर्गों ने ही छांगुर की मुंबई में पहचान और पहुंच बनाने में मदद की। यह नया खुलासा छांगुर बाबा के नेटवर्क और उसके बढ़ते प्रभाव को लेकर कई सवाल खड़े करता है। उन्होंने बताया, 'जब मैंने मीडिया रिपोर्ट्स और अखबारों में जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की तस्वीर देखी तो मुझे याद आया कि जब साल 2014 में मैं लोकसभा चुनाव लड़ रहा था और मेरे खिलाफ सामने समाजवादी पार्टी से अतीक अहमद चुनाव में खड़ा था। उस दौरान छांगुर बाबा भी अतीक का चुनाव प्रचार करने के लिए मुस्लिम बहुल इलाकों में उसके साथ मंच साझा करता हुआ दिखाई दिया था।' छांगुर अतीक की खुली जीप में चुनाव प्रचार करता हुआ दिखाई देता था और इस दौरान अतीक ने छांगुर के घोड़े का इस्तेमाल भी चुनाव प्रचार के लिए किया था।
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छांगुर ने धर्मांतरण के लिए हिन्दू लड़कियों के रेट फिक्स किए थे
जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पता चला है कि छांगुर बाबा और उसके साथियों का निशाना गरीब और मजदूर तबके की लड़कियों और उनके परिवार होते थे। ये लोग पहले उन्हें बहलाते-फुसलाते, फिर धर्मांतरण के लिए तैयार करते थे। हिंदू लड़कियों को इस्लाम अपनाने के लिए न सिर्फ मानसिक रूप से तैयार किया जाता था, बल्कि उनके धर्मांतरण के बदले मोटी रकम भी दी जाती थी। जातियों के आधार पर अलग-अलग रकम तय थी। ओबीसी समुदाय की लड़कियों को इस्लाम कबूलने पर 10 से 12 लाख रुपये, जबकि सवर्ण जातियों जैसे सिख, ब्राह्मण और क्षत्रिय समुदाय की लड़कियों को 15 लाख रुपये तक दिए जाते थे। अन्य पिछड़ी जातियों की लड़कियों को 8 लाख रुपये तक की पेशकश की जाती थी। इस सोची-समझी साजिश के तहत धर्मांतरण को एक संगठित धंधे में बदल दिया गया था।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 15 July 2025 at 12:09 IST