अपडेटेड 12 August 2025 at 11:35 IST
कश्मीरी पंडित नर्स सरला भट्टा हत्याकांड में फिर से एक्शन, यासीन मलिक के घर समेत श्रीनगर में 8 ठिकानों पर SIA की रेड
कश्मीरी पंडित नर्स सरला भट्ट मर्डर केस में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की है। SIA ने यासीन मलिक के घर समेत श्रीनगर में 8 ठिकानों पर रेड मारी है।
कश्मीरी पंडित नर्स सरला भट्ट के 35 साल पुराने मर्डर केस में एक बार फिर एक्शन शुरू हुआ है। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) ने श्रीनगर के 8 ठिकानों पर रेड मारी है। JKLF के पूर्व प्रमुख यासीन मलिक के घर पर भी SIA की छापेमारी हुई है। यह कार्रवाई उपराज्यपाल प्रशासन के उस फैसले के बाद हुई है, जिसमें इन पुराने मामलों को फिर से खोलने का फिर से फैसला लिया गया।
नर्स सरला भट्ट मर्डर केस में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार को श्रीनगर के 8 स्थानों पर रेड की। JKLF के पूर्व प्रमुख यासीन मलिक के घर सहित इनके अलग-अलग ठिकानों पर भी रेड कार्रवाई की गई है। 1990 में कश्मीरी पंडित नर्स सरला भट्ट की हत्या की जांच के लिए यह पहली बार है जब SIA ने रेड की है।
नर्स सरला भट्ट मर्डर केस में SIA की रेड
जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष और भाजपा नेता दरख्शां अंद्राबी ने कार्रवाई पर कहा, "जिन परिवारों ने पिछले 35 सालों में आतंकवाद के कारण अपने बच्चों को खोया, उन्हें 35 साल बाद उपराज्यपाल प्रशासन द्वारा न्याय दिलाने की कोशिश की जा रही है। आज प्रशासन के माध्यम से न्याय की लहर चल रही है। अगर सरकार ने फाइल फिर से खोली है, तो यह सही है। जहां भी अन्याय हुआ है, वहां न्याय मिलना जरूरी है।
कौन थी नर्स सरला भट्ट?
सरला भट्ट अनंतनाग की 27 वर्षीय नर्स थीं, जो श्रीनगर के सौरा स्थित शेर-ए-कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान (SKIMS) में कार्यरत थीं। 18 अप्रैल, 1990 की रात को उन्हें SKIMS स्थित उनके छात्रावास से जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के आतंकवादियों ने अगवा कर लिया था। अगली सुबह, 19 अप्रैल को, उनका शव मल्लाबाग स्थित उमर कॉलोनी में मिला। उनकी गोली से छलनी लाश बरामद हुई थी। उनके शव के साथ एक नोट मिला था, जिसमें उन्हें पुलिस का मुखबिर बताया गया था। उनकी हत्या का उद्देश्य कश्मीरी पंडित समुदाय को डराना और उन्हें घाटी से भागने पर मजबूर करना था। यहां तक कि उनके परिवार को भी धमकाया गया और उनके अंतिम संस्कार में शामिल न होने की चेतावनी दी गई।
35 साल बाद फिर से शुरू हुई जांच
सरला बहादुर महिला मानी जाती थीं और उन्होंने अपनी नौकरी या घाटी छोड़ने से इनकार कर दिया था। तब भी जब कई अन्य लोग भागने पर मजबूर हो गए थे। उनके साहस और आतंकवादियों के आगे झुकने से इनकार ने उन्हें निशाना बनाया। सरला की हत्या के बाद निगीन पुलिस स्टेशन में (FIR संख्या 56/1990) दर्ज किया गया था, लेकिन हत्यारे कभी पकड़े नहीं गए। यह मामला 30 साल से ज्यादा समय तक अनसुलझा रहा।
नई जांच का जिम्मा SIA को सौंपा
2023 में मामले की नई जांच के लिए SIA को सौंप दिया गया। मंगलवार की रेड उसी जारी जांच का हिस्सा है। अधिकारियों का कहना है कि आज मिले सबूतों में महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल डेटा शामिल हैं जो हत्या के पीछे के लोगों की पहचान करने में मदद कर सकते हैं। उनका मानना है कि यह पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों के समर्थन की ओर भी इशारा करता है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने कहा है कि वह सच्चाई का पता लगाने और सरला के परिवार को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 12 August 2025 at 11:21 IST