अपडेटेड 16 August 2025 at 09:40 IST

झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का निधन, तय किया ग्राम प्रधान से लेकर कैबिनेट मंत्री तक का सफर

Jharkhand News : झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का दिल्ली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया है। 2 अगस्त को जमशेदपुर में अपने आवास पर बाथरूम में गिरने से उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हो गया था।

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झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का निधन | Image: X

Ramdas Soren Passes Away : झारखंड के शिक्षा मंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के वरिष्ठ नेता रामदास सोरेन का निधन हो गया है। 2 अगस्त को बाथरूम में गिरने के कारण उनके सिर में गंभीर चोट लगी थी, जिसके बाद उन्हें एयरलिफ्ट कर इलाज के लिए दिल्ली लाया गया था। शुक्रवार को इलाज के दौरान उनका निधन हो गया, वह 62 साल के थे।

2 अगस्त की सुबह सोरेन अपने जमशेदपुर स्थित आवास के बाथरूम गए थे। जब वो काफी देर तक बाथरूम से बाहर नहीं आए तो उनकी पत्नी ने दरवाजा खोलने पर देखा कि वो बेहोश पड़े हैं। उसके बाद उन्हें जमशेदपुर के टाटा मोटर्स अस्पताल ले जाया गया। बाथरूम में गिरने की वजह से उन्हें ब्रेन हैमरेज हो गया था और दिमाग में खून जम गया था। बेहतर इलाज के लिए उन्हें एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया था।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रामदास सोरेन के निधन पर दुख जाता है। उनकी बीमारी के बाद मानसून सत्र के दौरान शिक्षा एवं साक्षरता विभाग का कार्यभार सुदिव्य कुमार सोनू को दे दिया गया था। रामदास सोरेन एक जमीनी नेता थे।

ग्राम प्रधान से लेकर कैबिनेट मंत्री का सफर

एक किसान परिवार में 1 जनवरी, 1963 को पूर्वी सिंहभूम जिले के घोराबंदा गांव में जन्में रामदास सोरेन का कैबिनेट मंत्री तक पहुंचने का सफर आसान नहीं थी। उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा ग्राम प्रधान से शुरू की थी। इसके बाद वो हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल में सबसे प्रभावशाली मंत्रियों में से एक बन गए।

रामदास सोरेन ने 2005 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए थे। इस चुनाव में यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई, जो झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ गठबंधन में थी। वो 2009 में घाटशिला विधानसभा से चुनाव जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे थे। इसके बाद 2014 में चुनाव में बीजेपी के लक्ष्मण टुडू से हार गए थे, लेकिन 2019 में जोरदार वापसी करते हुए जीत हासिल की। 2024 के चुनाव में उन्होंने पूर्व CM चंपई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन को हराकर तीसरी बार चुनाव जीता था।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 16 August 2025 at 08:37 IST