अपडेटेड 20 April 2025 at 23:27 IST

Jammu Kashmir: खराब मौसम की वजह से घाटी में 21 अप्रैल को सभी स्कूल बंद, छात्रों की सुरक्षा के लिए शिक्षा मंत्री ने लिया फैसला

जम्मू-कश्मीर में कुदरत का कहर जारी है। इस बीच छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शिक्षामंत्री ने 21 अप्रैल को स्कूल बंद रखने का ऐलान किया है।

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घाटी में 12 अप्रैल को सभी स्कूल बंद। | Image: Representational Image/Unsplash

जम्मू-कश्मीर में कुदरत का कहर बरसा है। खराब मौसम को देखते हुए शिक्षा मंत्री सकीना इटू ने 21 अप्रैल को घाटी में सभी स्कूलों को बंद रखने का ऐलान किया है। शिक्षा मंत्री ने छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने यह जानकारी दी। जम्मू-कश्मीर में जगह-जगह पर बारिश  और तेज ठंडी हवाएं चल रही है। इस बीच जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी रामबन में घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायजदा लिया।

शिक्षामंत्री ने स्कूल बंद रखने के फैसले की जानकारी देते हुए लिखा, "लगातार खराब मौसम की स्थिति और पूर्वानुमान के मद्देनजर, यह निर्णय लिया गया है कि घाटी के सभी स्कूलों में कल (21 अप्रैल) एक दिन के लिए कक्षाएं स्थगित रहेंगी। यह निर्णय सभी छात्रों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती कदम के रूप में लिया गया है।"

रामबन की घटना में 3 लोगों की मौत

रामबन में बाद फटने के बाद भूस्खलने की घटना में करीब 25 घर जमींदोज हो गए। वहीं उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार भूस्खलन में तीन लोगों की मौत हो गई। उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने कहा, "हम रामबन पहुंचे हैं लेकिन सिर्फ रामबन ही नहीं, बनिहाल में भी यही स्थिति है, रियासी में भी कई इलाके हैं जो इस आपदा से प्रभावित हुए हैं। रामबन, बनिहाल के विधायक मेरे साथ हैं। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी उनसे बात की। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, सरकार बहुत गंभीर है, इस दुख की घड़ी में हम उनके साथ है। जो भी नुकसान हुआ है, सरकार पूरी मदद करेगी। बचाव अभियान में काफी मुश्किलें आ रही हैं लेकिन प्रशासन पूरी मदद कर रहा है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि तीन लोगों की मौत हो गई है। मैंने DC से फंसे हुए लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था करने को कहा है।"

सेना ने बाढ़ प्रभावित लोगों को दवाई और भोजन दिया

भारतीय सेना रामबन बाढ़ से प्रभावित लोगों को भोजन, दवाइयां और अन्य मदद पहुंचा रही है। भूस्‍खलन और पहाड़ों से बहकर आ रहे कीचड़ के चलते नेशनल हाइवे कई जगहों पर बंद कर दिए गए है। NH 44  रामबन को जम्‍मू कश्‍मीर से जोड़ता है और इसे जिले की लाइफ लाइन मानी जाती है। यातायात ठप होने के चलते रेस्‍क्‍यू में भी दिक्कत आ रही है। कई घरों में पानी घुस चुका है। बच्चों, बुज़ुर्गों और बीमार लोगों के लिए स्थिति और भी चिंताजनक है। इसके अलावा किश्तवाड़ के पाथरनेकी-पाढर रोड पर शनिवार से लगातार भूस्खलन हो रहा है। आपात स्थिति को देखते हुए आसपास के 20 से ज्यादा घरों को खाली कराया गया है। आज का मौसम शनिवार से ज्यादा भयावह बन चुका है।

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 20 April 2025 at 23:27 IST