अपडेटेड 10 July 2025 at 18:09 IST
एक महीने के बेटे को पिता का चेहरा भी नहीं रहेगा याद... जगुआर फाइटर प्लने क्रैश में मारे गए पायलट लोकेंद्र की भावुक कर देने वाली कहानी
जगुआर फाइटर जेट हादसे में जान गंवाने वाले 32 साल के पायलट स्क्वाड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह का परिवार इस हादसे के बाद सदमे हैं। अब लोकेंद्र के भाई ने जगुआर की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं।
राजस्थान के चूरू में बुधवार, 9 जुलाई को हुए फाइटर प्लेन क्रैश हादसे में दो बहादुर पायलट स्क्वाड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह सिंधु और फ्लाइट लेफ्टिनेंट ऋषि राज सिंह की दर्दनाक मौत हो गई। भारतीय वायुसेना की ओर से दोनों पायलट की मौत की पुष्टि आज की गई। रतनगढ़ के भानुदा गांव में जगुआर प्लेन क्रैश हुआ था। क्रैश होने के बाद विमान में आग लग गई थी। पायलट लोकेन्द्र की दर्दनाक मौत पर पूरे परिवार सदमे में हैं। अब उनके भाई ने जगुआर की सुरक्षा पर सवाल खड़ा किए हैं।
जगुआर फाइटर जेट हादसे में जान गंवाने वाले 32 साल के पायलट स्क्वाड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह सिंधु हरियाणा के रोहतक के रहने वाले थे। उनका पैतृक गांव रोहतक का खेड़ी साध गांव है। परिवार वाले रोहतक शहर के देव कॉलोनी में रहते हैं। बेटे की मौत की खबर सुनते ही परिवार में गम का माहौल है, पत्नी गहरे सदमे में हैं। लोकेंद्र अपने पीछे पत्नी, एक महीने के बेटे, भाई और माता पिता को छोड़ गए हैं।
लोकेंद्र के भाई की रिपब्लिक भारत से खास बातचीत
रिपब्लिक भारत के साथ बातचीत के दौरान लोकेंद्र के भाई ज्ञानेंद्र ने बताया कि घटना से तीन घंटे पहले मेरी उससे बात हुई थी। एक महीने पहले लोकेंद्र को बेटा हुआ है। पत्नी पेशे से डॉक्टर है। पूरा परिवार में खुशी का माहौल था। लोकेंद्र की खुशियां तो सातवें आसमान पर थी। वह 30 जून को ही वह दोबारा ड्यूटी पर लौटे थे। भाई ज्ञानेंद्र ने बताया कि लोकेंद्र ने जगुआर विमान से अपनी आखिरी उड़ान से पहले पिता से भी बात की थी।
ज्ञानेंद्र ने जगुआर की सुरक्षा पर उठाए सवाल
लोकेंद्र के भाई ज्ञानेंद्र ने जगुआर की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा, जैगुआर की सेफ्टी फीचर को ठीक करना चाहिए। हमें भाई की शहादत पर है, मगर मैं नहीं चाहता हूं कि किसी और के भाई की इस तरीके से जान जाए। फौज में सभी लोग मेरे भाई है।, मैं नहीं चाहता हूं कि कोई और फौजी इस तरीके से अपनी जान गंवा दे।
जगुआर को अपग्रेड करने की जरूरत
ज्ञानेंद्र ने रिपब्लिक भारत से बातचीत के दौरान आगे कहा, जगुआर के सेफ्टी इशू दूर करने से ही ठीक होगा, इसे अपग्रेड करने से कुछ नहीं होगा। जितनी जल्दी हो सके जगुआर को फेस आउट किया जाए, क्योंकि यह इतना पुराना जहाज था कि शायद कुछ ना कुछ कमी थी, तभी यह घटना घटित हुई। मेरा भाई बहुत ही जिंदा दिल व्यक्ति थे। सबसे यारी दोस्ती रखता थे। जो एक बार मिला उनसे बार-बार मिलना चाहता था। परिवार के लाडला थे लोकेंद्र ।
पढ़ाई में भी अव्वल थे लोकेंद्र
ज्ञानेंद्र ने बताया कि लोकेंद्र पढ़ाई लिखाई में भी हमेशा आगे रहते थे। पहले ही प्रयास में 12वीं के बाद उन्होंने एनडीए की परीक्षा पास कर ली थी। लोकेंद्र ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की और 2011 में एयरफोर्स में शामिल हुए थे। राजस्थान के सूरतगढ़ में उनकी मौजूदा पोस्टिंग थी। पूरा डिफेंस परिवार आज इस दुखी घड़ी में लोकेंद्र के परिवार के साथ है। बता दें कि एयर फोर्स ने हादसे का कारण पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दिया है।
Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 10 July 2025 at 18:09 IST