अपडेटेड 11 December 2024 at 11:54 IST

42 घंटे, 150 फीट की गहराई, अब मासूम आर्यन के लिए एक-एक पल भारी... कब बोरवेल से निकलेगा बाहर?

NDRF कमानडेंट योगेश कुमार ने बताया कि, अब तक 130 फीट की खुदाई हो चुकी है, जिसे 152 फीट तक खोदना है, टीम नए बोरवेल में उतरकर सुरंग कटेगी।

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आर्यन को बचाना है | Image: Republic

Dausa Borewell Incident: राजस्थान में दौसा के कालीखाड़ गांव में सोमवार को आर्यन बोरवेल में गिरा था अब तक 42 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन NDRF-SDRF की टीम और प्रशासन के तमाम देसी जुगाड़ भी बच्चे को बाहर निकालने में नाकाम रहे हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन को तेज करने के लिए प्रशासन ने हाईटेक मशीनों से सुरंग बनाने की दिशा में भी काम शुरू किया हुआ है, ताकि बच्चे तक पहुंच बनाई जा सके। बोरवेल की गहराई 160 फीट बताई जा रही है और बच्चा करीब 150 फीट की गहराई में एक बंद मोटर के पास फंसा हुआ है।

NDRF कमानडेंट योगेश कुमार ने बताया कि, अब तक 130 फीट की खुदाई हो चुकी है, जिसे 152 फीट तक खोदना है, कुछ पाइप फ्रेम गंगापुर से मंगवाए गये हैं, वहीं बढ़ता वाटर लेवल भी चुनौती दे रहा है। NDRF की टीम नए बोरवेल में उतरकर सुरंग कटेगी। उस वक्त ऑक्सीजन सिलिंडर और कैमरा साथ होगा।

PC : Republic

ऑक्सीजन पाइप के जरिए पहुंचाई जा रही सांसें 

बच्चे को जीवित रखने के लिए पाइप के जरिए ऑक्सीजन भेजी जा रही है, लेकिन 42 घंटे से ज्यादा का समय बीत जाने के बावजूद भी बच्चे को अभी तक एक बूंद पानी भी नहीं पहुंचाया जा सका। इसलिए प्रशासन की चिंता बढ़ी हुई है और हर प्रयास नाकाम हो रहा है।

कैसे बोरवेल में गिया आर्यन ? 

सोमवार दोपहर करीब 3 बजे, आर्यन अपनी मां के साथ खेत में था। इस दौरान वह खेलते हुए बोरवेल में गिर गया, जो घर से थोड़ी ही दूर था। बोरवेल करीब तीन साल पुराना है और इसमें एक बंद मोटर फंसी हुई थी। NDRF की टीम ने सोमवार शाम से लेकर मंगलवार रात तक 6 अलग-अलग कोशिश की, जिनमें से कोई भी सफल नहीं हो सकी। इनमें से एक कोशिश में बोरवेल में अम्ब्रेला उपकरण डाला गया, तो वहीं छठी कोशिश में रिंग डालकर रस्सी से बच्चे को बाहर निकालने की कोशिश की गई, लेकिन वह भी नाकाम रही।

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अब पल पल हो रहा है भारी 

आर्यन के माता-पिता की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है, क्योंकि बोरवेल में गिरने के बाद से बच्चे की आवाज नहीं सुनाई दे रही है। जिला कलक्टर देवेंद्र यादव ने कहा कि उनकी पूरी टीम इस ऑपरेशन में लगी हुई है और वे हर संभव प्रयास कर रहे हैं ताकि बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। कुल मिलाकर, प्रशासन का हर प्रयास इस समय नाकाम हो रहा है और आर्यन के जीवन की यह जंग अब नई चुनौती बन चुकी है।

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 11 December 2024 at 11:54 IST