अपडेटेड 5 December 2025 at 16:30 IST

IndiGo Roster Crisis: क्या है इंडिगो की रोस्टर प्रोब्लम? 700 फ्लाइट कैंसिल, देशभर में लाखों पैसेंजर्स फंसे

इंडिगो को संकट के बीच बड़ी राहत मिली है। DGCA ने रोस्टर नियम वापस ले लिया है। जिसमें साप्ताहिक आराम के बदले छुट्टी देना और नाइट शिफ्ट में सिर्फ 2 उड़ाने सीमित करने के नियम थे। खुलकर इन नियमों के बारे में जानते हैं, आखिर ऐसा क्या हुआ कि देशभर में इंडिगो को इतनी बड़ी संख्या में फ्लाइट कैंसिल करनी पड़ी और लाखों यात्री फंस गए।

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Indigo का रोस्टर संकट है क्या? | Image: @IndiGo6E

What is IndiGo Roster problem: भारत की सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन इंडिगो इस वक्त गंभीर संकट से जूझ रही है। देश के घरेलू एविएशन मार्केट में इंडिगो 60 प्रतिशत से ज्यादा की हिस्सेदारी रखती है। इंडिगो की पिछले 4 दिनों से लगातार उड़ानें रद्द होने से यात्रियों में हाहाकार मचा हुआ है। परेशान यात्रियों के बीच झगड़े की खबर भी सामने आ रही है। आज शुक्रवार को पूरे देश में इंडिगो की लगभग 400 उड़ानें रद्द कर दी गईं, जिनमें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद से उड़ाने वाली फ्लाइट्स थी। खासतौर पर दिल्ली से रवाना होने वाली सभी 200 डोमेस्टिक उड़ानें अचानक रद्द कर दी गई। जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन सवाल यह उठता है कि इतने बड़े एयरलाइन में अचानक से स्टाफ्स की कमी कैसे हो गई। जिसकी वजह से एक के बाद एक इनती फ्लाइट्स रद्द हो गई। समझने की कोशिश करते हैं।

इस वजह से रद्द हो गईं दिल्ली से उड़ने वाली फ्लाइट्स 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह संकट स्टाफ की कमी और नए रोस्टर नियमों की वजह से हुई। रोस्टर संकट की मुख्य वजहों की बात करें तो इसमें, नए FDTL (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट) के नियम सबसे बड़ी दिक्कत दे रहे हैं। 1 नवंबर 2025 से लागू फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) के नियम ने पायलटों और क्रू की कमी पैदा कर दी।

दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश पर DGCA (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन ) ने इन नियमों को सख्ती से लागू किया है। जिसके बाद इंडिगो ने तकनीकी खराबी, खराब मौसम, बढ़ती यात्रियों की संख्या और क्रू रोस्टरिंग की समस्याओं को उठाते हुए इन दिक्कतों को जिम्मेदार ठहराया।एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि इंडिगो के पास घरेलू बाजार का 60 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा है, इसलिए ये फ्लाइट प्रभावित हो सकती है।

पायलट यूनियन ने इंडिगो की योजना की कमी बताई

वहीं, पायलट यूनियन ने इन दिक्कतों के लिए इंडिगो को जिम्मेदार ठहराया है। फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स ने कहा कि, उड़ानों के रद्द होने के कारण नए नियम नहीं हो सकते और अन्य एयरलाइन्स पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। ऐसे में समझते हैं कि ये नए एविएशन नियम क्या है, जिसका हवाला देकर इंडिगो अपनी परेशानी को जस्टिफाई कर रहा है।

क्या है FDTL के नए नियम?

  1. फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) के नए नियमों के मुताबिक साप्ताहिक आराम अवधि को 48 घंटे अनिवार्य कर दिया है।
  2. नाइट शिफ्ट ड्यूटी (आधी रात से सुबह 6 बजे तक) में अधिकतम 2 लैंडिंग की सीमा।
  3. लगातार 2 से अधिक नाइट शिफ्ट पर प्रतिबंध, ताकि पायलटों की थकान कम हो। 

इंडिगो एयरलाइन क्या चाहता है? 

बड़ी संख्या में फ्लाइट रद्द होने से मचे हाहाकार के बाद, DGCA (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन ) ने संकट पर तत्काल कार्रवाई की। वहीं, इंडिगो की 550 उड़ानों के रद्द होने के बाद एयरलाइन ने माफी मांगी। इंडिगो ने DGCA को आश्वासन दिया कि परिचालन 10 फरवरी 2026 तक पूरी तरह बहाल हो जाएगा। इसके लिए इंडिगो एयरलाइन ने रात की ड्यूटी घंटों पर छूट की मांग की है, क्योंकि इससे क्रू की कमी उभर सकेगी। यात्रियों को रिफंड और ऑप्शनल उड़ानों की सुविधा का वादा किया गया है। यह संकट पीक ट्रैवल सीजन से पहले आया है, जब कोहरा और छुट्टियों की भीड़ उड़ानों को और प्रभावित कर सकती है। फिलहाल DGCA ने सभी हितधारकों से सहयोग की अपील की है, ताकि यात्री सुरक्षा सुनिश्चित रहे। 

DGCA को वापस लेना पड़ा फैसला!

डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने शुक्रवार को रोस्टर से जुड़े अपने आदेश को वापस ले लिया, जिसके कारण इंडिगो एयरलाइन्स की सैकड़ों उड़ानें रद्द हो रही थीं। यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।

DGCA के मुताबिक, चल रहे परिचालन व्यवधानों और अलग अलग एयरलाइनों से प्राप्त आवेदनों को देखते हुए यह कदम उठाया गया। जनवरी 2025 के पत्र के उस पैराग्राफ को रद्द कर दिया गया, जिसमें कहा गया था कि साप्ताहिक आराम के बदले कोई छुट्टी नहीं काटी जाएगी। अब एयरलाइंस को क्रू सदस्यों की छुट्टियों को साप्ताहिक आराम के रूप में गिनने की छूट मिल गई है। मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह बदलाव इंडिगो की 700 से ज्यादा उड़ानों के रद्द होने के बाद आया है।

क्यों लिया गया यह फैसला?

DGCA को एयरलाइनों से प्रतिनिधित्व मिले कि उड़ानों की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए नियमों में लचीलापन जरूरी है। नए FDTL नियमों से पायलटों की थकान कम करने का उद्देश्य था, लेकिन अपर्याप्त योजना के कारण संकट गहरा गया। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने गृह मंत्री अमित शाह को स्थिति की जानकारी दी थी, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया और DGCA  ने अपना आदेश वापस ले लिया। 

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Published By : Sujeet Kumar

पब्लिश्ड 5 December 2025 at 16:30 IST