अपडेटेड 1 April 2025 at 20:34 IST

भारत की रफ्तार की नई कहानी, देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट वाला पंबन ब्रिज बनकर तैयार, शानदार इंजीनियरिंग और मॉडर्न तकनीक की मिसाल

Pamban Bridge: नए पंबन ब्रिज की सबसे बड़ी खासियत इसका वर्टिकल लिफ्ट मैकेनिज्म है, जो 72.5 मीटर के हिस्से को ऊपर उठा सकती है। इसका निर्माण 2019 में शुरू हुआ था।

Follow :  
×

Share


देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट वाला पंबन ब्रिज बनकर तैयार | Image: Republic

New Pamban Bridge : समुद्र की लहरों को चीरता, शानदार इंजीनियरिंग और मॉडर्न तकनीक की ताकत का प्रमाण देता भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट वाला नया पंबन ब्रिज (New Pamban Bridge) बनकर तैयार हो गया है। तमिलनाडु में स्थिति ये भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज है, जो रामेश्वरम द्वीप को भारत की मुख्य भूमि (मंडपम) से जोड़ता है। 6 अप्रैल को रामनवमी के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) इसका उद्घाटन करेंगे। PM नरेंद्र मोदी उसी दिन रामेश्वरम और तांबरम के बीच एक नई ट्रेन सेवा का भी उद्घाटन करेंगे।

1914 में बना पुराने पंबन ब्रिज अब 111 साल पुराना हो चुका है। जिसे दिसंबर 2022 में बंद कर दिया गया था। समुद्र के ऊपर रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) द्वारा तैयार किया ये 2.5 किलोमीटर लंबा नया पंबन ब्रिज पुराने पंबन पुल के समानांतर बनाया गया है। इसको बनाने में करीब 535 करोड़ रुपये की लागत आई है। रेलवे ट्रैक के साथ-साथ वर्टिकल लिफ्ट वाले इस समुद्री पुल पर ट्रेन भी दौड़ेगी और इसके नीचे से बड़े जहाज भी गुजर सकेंगे। नया पंबन ब्रिज, भारतीय रेल की श्रेष्ठता और प्रतिबद्धता का बेमिसाल उदाहरण है।

नए पंबन ब्रिज की खासियत

  • नया पंबन ब्रिज पुराने पुल से 3 मीटर ऊंचा है
  • भारत में पहली बार वर्टिकल लिफ्ट स्पैन तकनीक का इस्तेमाल
  • सुरक्षा के लिए पॉलीसिलोक्सेन पेंट, स्टेनलेस स्टील और फाइबर रिंइफोर्स्ड प्लास्टिक का इस्तेमाल
  • डिजाइन को इंटरनेशनल कंसलटेंट TYPSA, IIT चेन्नई और IIT बॉम्बे ने वेरिफाइड किया 
  • ब्रिज डिजाइन कैटगरी में SSMB 2024 अवॉर्ड

मंडपम से रामेश्वरम 20 मिनट में दूर

नए पंबन ब्रिज की सबसे बड़ी खासियत इसका वर्टिकल लिफ्ट मैकेनिज्म है, जो इसके 72.5 मीटर के हिस्से को ऊपर उठा सकती है। इससे बड़े जहाज भी नीचे से बड़े आसानी से गुजर सकेंगे। यह पुराने ब्रिज से 3 मीटर ऊंचा है और समुद्र तल से 22 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। नए ब्रिज पर दोहरी रेल लाइनें हैं, इन पटरियों पर ट्रेनें 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है। पुराने पुल पर ट्रेनों की गति सीमा महज 10 किलोमीटर प्रति घंटे थी। इसके शुरू होने के  बाद मंडपम से रामेश्वरम का सफर महज 20 मिनट में पूरा हो सकेगा।

समुद्री यातायात को सुगम बनाने के लिए रेलवे ट्रैक का एक हिस्सा 17 मीटर ऊपर उठ सकता है। पुराने ब्रिज की स्विंग को खुलने में 35 से 40 मिनट तक लगते थे, जबकी इसकी लिफ्ट खुलने में महज 5 मिनट 30 सेकंड लगते हैं। नए ब्रिज से समय की भी काफी बचत होगी। 

इस पुल का निर्माण विषम समुद्री परिस्थितियों और तेज हवाओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है। 58 किमी प्रति घंटे तक हवा चलने तक ट्रेनों की आवाजाही हो सकती है। तकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि यह पुल 100 साल से भी अधिक समय तक चलेगा। आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस जगह यह पंबन ब्रिज बना है, वह जगह दुनिया की दूसरी सबसे अधिक जंग ग्रसित जगह मानी जाती है।

2019 में शुरू हुआ निर्माण

आधुनिक तकनीक और इंजीनियरिंग के इस बेजोड़ नमूने नए पंबन ब्रिज का निर्माण नवंबर, 2019 में शुरू हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 फरवरी, 2019 को इसकी आधारशिला रखी थी। इसके शुरू होने से रेल यातायात और जहाजों की आवाजाही तो बेहतर होगी ही, बल्कि रामेश्वरम जैसे तीर्थ स्थल की कनेक्टिविटी भी बढ़ जाएगी। इसके शुरू होने से यात्रियों का समय बचेगा और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

ये भी पढ़ें: क्या कुरान लेकर अंतरिक्ष गई थीं एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स? सोशल मीडिया पर जमकर हो रही चर्चा- Fact Check

Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 1 April 2025 at 20:34 IST