अपडेटेड 13 December 2025 at 08:08 IST
13 December 2001 Parliament Attack: 45 मिनट तक गूंजती रहीं गोलियां, 9 जांबाजों की शहादत... आज भी डरा देती है संसद भवन की वो शाम; पूरी कहानी
आज संसद पर आतंकी हमले की बरसी है। आज ही के दिन, 13 दिसंबर 2001 को संसद पर आतंकी हमला हुआ था जिसमें कुल 9 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। पांच आतंकियों ने 45 मिनट के अंदर लोकतंत्र के मंदिर को गोलियों से छलनी कर देश को दहला दिया था।
Parliament Attack: 13 दिसंबर 2001...आज से ठीक 24 साल पहले लगभग अभी की तरह ही संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा था। महिला आरक्षण बिल पर हंगामे के बाद सुबह 11 बजकर 2 मिनट पर सदन को स्थगित कर दिया गया था। इसके बाद उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और विपक्ष की नेता सोनिया गांधी संसद से जा चुके थे। लेकिन हमले के वक्त 200 से ज्यादा सांसद और मंत्री संसद के भीतर ही मौजूद थे।
इसी दौरान पाकिस्तान समर्थित पांच आतंकियों ने 45 मिनट में लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर को गोलियों से छलनी करके पूरे हिंदुस्तान को दहला दिया था। चलिए जानते हैं कि आखिर संसद पर हमला कैसे हुआ था।
संसद हमले की कहानी
करीब साढ़े 11 बजे उपराष्ट्रपति के सिक्योरिटी गार्ड उनके बाहर आने का इंतजार कर रहे थे, तभी एक सफेद एंबेसडर में सवार 5 आतंकी गेट नंबर-12 से संसद के अंदर घुसे। जानकारी के अनुसार, उस समय सिक्योरिटी गार्ड निहत्थे हुआ करते थे। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, सिक्योरिटी गार्ड उस एंबेसडर के पीछे भागने लगे। उसी समय आतंकियों की कार उपराष्ट्रपति की कार से टकराई और हर तरफ हड़कंप मच गया। सुरक्षाकर्मी अलर्ट हो गए।
AK-47 से लैस थे आतंकी
घबराए आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। इस दौरान पांचों आंतकी AK-47 और हैंडग्रेनेड से लैस थे, उनकी पीठ और कंधे पर बैग थे।पहली बार आतंक लोकतंत्र की दहलीज पार कर चुका था। देखते ही देखते लोकतंत्र का पूरा मंदिर गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा। आतंकियों के पहले हमले का निशाना वो चार सुरक्षाकर्मी बने जो एंबेसडर कार को रोकने का प्रयास कर रहे थे। इसी फायरिंग के बीच धमाके की आवाज आती है।
इस तस्वीर से साफ हो चुका था कि संसद भवन में आतंकी हमला हो चुका है। इसके तुरंत बाद संसद भवन के सभी दरवाजे बंद कर दिए गए। अंदर मौजूद तमाम सांसद और मंत्रियों को महफूज जगह पर ले जाया गया। वहीं बाहर सुरक्षाकर्मी मोर्चा संभाले हुए थे।
खूनी खेल में पांचों आतंकी ढेर
पांचों में से एक आंतकी ने गेट नंबर 1 से सदन के अंदर दाखिल होने की कोशिश की। लेकिन सुरक्षाबलों की गोली से वो ढेर हो गया। फिर बाकी चार आतंकियों ने गेटर नंबर 4 की तरफ बढ़ने की कोशिश की, वो वापस मुड़कर गेट नंबर 9 पर पहुंचे। लेकिन मुस्तैद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें घेर लिया और पूरा ऑपरेशन गेट नंबर 9 के पास सिमट गया। यहीं मुठभेड़ में एक-एक कर तीन आतंकी ढेर हो गए। आखिरी बचा आतंकी गेट नंबर की ओर भागा, लेकिन गोली लगने से उसका खेल भी वहीं खत्म हो गया। संसद परिसर में ये खूनी खेल सुबह लगभग 11.30 बजे से शुरू होकर शाम 4 बजे तक चला।
हमले में 9 लोगों ने गंवाई थी जान
इस हमले में आतंकियों से लोहा लेते हुए संसद भवन के गार्ड, दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुल 9 लोग शहीद हुए थे।
अफजल गुरु को फांसी की सजा
फिर संसद पर आतंकी हमले की जांच दिल्ली पुलिस ने की और इस साजिश का पर्दफाश करने में कामयाब रही। जांच में पता चला कि आतंकियों को पाकिस्तान से गाइडेंस मिली थी। हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु, एसएआर गिलानी, अफशान गुरु और शौकत हुसैन को गिरफ्तार कर लिया गया। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने एसएआर गिलानी और अफशान गुरु को बरी कर दिया। शौकत हुसैन की सजा कम कर दी गई। वहीं अफजल गुरु को फांसी की सजा हुई।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 13 December 2025 at 08:05 IST