अपडेटेड 18 February 2025 at 13:03 IST
India-Qatar: कतर के साथ भारत ने दो MoU पर किए साइन, पीयूष गोयल ने कहा- हम नए भविष्य की ओर देख रहे हैं...
कतर के वाणिज्य मंत्री एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ यहां आए हैं। वे कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी के साथ हैं, जो कल दो दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे।
India-Qatar News: कतर ने मंगलवार को कहा कि वह भारत के साथ नए द्विपक्षीय निवेश संवर्धन और संरक्षण समझौते के लिए बातचीत में तेजी लाने के लिए कदम उठाने को तैयार है। कतर के वाणिज्य और उद्योग मंत्री शेख फैसल बिन थानी बिन फैसल अल थानी ने कहा कि भारत उसका तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के व्यवसायों को निवेश और औद्योगिक सहयोग को और मजबूत करने के लिए सीमाओं को आगे बढ़ाने की जरूरत है।
उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के भारत कतर व्यापार मंच सम्मेलन में फैसल अल थानी ने कहा, “हमने अपने निवेश तंत्र का आधुनिकीकरण किया है... हम भारतीय निवेशकों और उद्यमियों को कतर की अर्थव्यवस्था की वास्तविक क्षमता का पता लगाने के लिए आमंत्रित करते हैं... हम एक नए द्विपक्षीय निवेश संवर्धन और संरक्षण समझौते के लिए बातचीत को तेज करने की दिशा में कदम उठाने के लिए तैयार हैं।”
भारत दौरे पर कतर के अमीर शेख
कतर के वाणिज्य मंत्री एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ यहां आए हैं। वे कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी के साथ हैं, जो कल दो दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे। अप्रैल, 2000 से सितंबर, 2024 के दौरान भारत को कतर से 1.5 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त हुआ। भारत और कतर में द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में 18.77 अरब डॉलर से घटकर 2023-24 में 14 अरब डॉलर रह गया है।
कतर द्वारा भारत को किए जाने वाले प्रमुख निर्यातों में एलएनजी, एलपीजी, रसायन और पेट्रोरसायन, प्लास्टिक और एल्युमीनियम उत्पाद शामिल हैं, जबकि भारत के प्रमुख निर्यातों में अनाज, तांबे के उत्पाद, लोहा और इस्पात उत्पाद, सब्जियां, फल, मसाले, प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद, इलेक्ट्रिकल और अन्य मशीनरी, प्लास्टिक उत्पाद, निर्माण सामग्री, वस्त्र और परिधान, रसायन, कीमती पत्थर और रबर शामिल हैं। कतर एलएनजी और एलपीजी का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है।
इसके अलावा, भारत कतर से एथिलीन, प्रोपलीन, अमोनिया, यूरिया और पॉलीइथिलीन भी आयात करता है। व्यापार संतुलन कतर के पक्ष में बना हुआ है।
पीयूष गोयल ने क्या कहा?
इस अवसर पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हम दोनों देशों के बीच ऊर्जा व्यापार के प्रति झुकाव देखते आए हैं तथा अन्य उत्पादों के व्यापार को भी बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, “अब हम एक नए भविष्य की ओर देख रहे हैं, जहां हम ऊर्जा को अपने व्यापार का आधार बनाने से हटकर नए युग की प्रौद्योगिकियों की ओर बढ़ेंगे, चाहे वह कृत्रिम मेधा (एआई) हो, ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ (आईओटी) हो, क्वांटम कंप्यूटिंग हो या सेमीकंडक्टर हो।” गोयल ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों का परिवर्तन तीन स्तंभों- स्थिरता, उद्यमिता और ऊर्जा पर आधारित होगा। उन्होंने कतर के व्यवसायों को भारत में निवेश के अवसर तलाशने के लिए भी आमंत्रित किया।
दो MoU पर हुए हस्ताक्षर
इस कार्यक्रम में दो सहमति पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें एक उद्योग संगठन सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) और क्यूबीए (कतर व्यवसायी संघ) के बीच तो दूसरा ‘इन्वेस्ट कतर’ और ‘इन्वेस्ट इंडिया’ के बीच हुआ। मंत्री ने बताया कि कतर नेशनल बैंक गुजरात के ‘गिफ्ट’ सिटी में एक कार्यालय स्थापित करके भारत में अपनी उपस्थिति का विस्तार कर रहा है।
कतर के साथ व्यापार समझौते की संभावना के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा, “हमेशा हर प्रकार की चर्चा होती है। हम मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए जीसीसी (खाड़ी सहयोग परिषद) के साथ चर्चा कर रहे हैं। अक्सर जीसीसी के कई देशों ने भारत के साथ द्विपक्षीय समझौते करने के लिए भी चर्चा की है... हम दोनों के लिए खुले हैं।” जीसीसी के छह सदस्य देश- बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) हैं।
भारत का पहले से ही यूएई के साथ एफटीए है। ओमान के साथ इसी तरह के समझौते के लिए बातचीत अंतिम चरण में है। रुपये के अवमूल्यन पर गोयल ने कहा कि उभरते बाजारों में भारत की मुद्रा अच्छा प्रदर्शन कर रही है। उन्होंने कहा, “भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पर्याप्त है...इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है।”
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 18 February 2025 at 13:03 IST