अपडेटेड 9 May 2025 at 07:32 IST
अंत अभी बाकी है! बूंद-बूंद के बाद अब कौड़ी-कौड़ी को तरसेगा पाकिस्तान, हाथ में कटोरा थमाने का भारत ने कर लिया प्लान तैयार
भारत ने पहले पानी रोक कर पाकिस्तान को बूंद-बूंद के लिए तरसाया और अब वो पाकिस्तान को कौड़ी-कौड़ी का मोहताज बनाने की प्लानिंग में है।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने हर मोर्चे पर पाकिस्तान को पटखनी देनी शुरू कर दी है। भारत ने पहले पानी रोक कर पाकिस्तान को बूंद-बूंद के लिए तरसाया और अब वो पाकिस्तान को कौड़ी-कौड़ी का मोहताज बनाने की प्लानिंग में है। भारत ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) से पाकिस्तान को फिर से "ग्रे लिस्ट" में डालने की मांग की है। भारत का आरोप है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों से प्राप्त आर्थिक मदद का दुरुपयोग आतंकवादी संगठनों को वित्तीय सहायता देने में कर रहा है। भारतीय अधिकारियों ने वैश्विक समुदाय के सामने कई बड़े आतंकी हमलों का जिक्र किया है, जिनमें पाकिस्तान में फल-फूल रहे आतंकियों का हाथ रहा है। जैसे कि मॉस्को थिएटर बम विस्फोट और लंदन ब्रिज हमला. इन दोनों ही हमलों में पाकिस्तानी आतंकी शामिल रहे हैं।
आपको बता दें कि FATF एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण पर नजर रखती है। किसी देश को ग्रे लिस्ट में डालने का मतलब होता है कि वह देश संदिग्ध वित्तीय गतिविधियों पर नियंत्रण नहीं कर पा रहा। इससे उस देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता है क्योंकि विदेशी निवेश, कर्ज और सहायता मिलने में बाधाएं आती हैं। पाकिस्तान पहले भी 2018 से 2022 तक FATF की ग्रे लिस्ट में रह चुका है, और इस दौरान उसे कड़ी शर्तों के तहत सुधारात्मक कदम उठाने पड़े थे।
अक्टूबर 2022 में FATF ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर किया था, यह मानते हुए कि उसने 34 में से अधिकांश शर्तें पूरी कर ली हैं। वहीं इन मामलों की जानकारी रखने वाले विशेषज्ञों की मानें तो FATF की आगामी बैठक में भारत की इस मांग पर विचार किया जा सकता है। अगर पाकिस्तान दोबारा ग्रे लिस्ट में आता है, तो इसकी अर्थव्यवस्था जो पहले ही संकट में है को और झटका लग सकता है। अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से ऋण पाना कठिन होगा और विदेशी निवेशक भी सतर्क हो जाएंगे।
IMF की तरफ से मिलने वाली राहत पैकेज का विरोध करेगा भारत
इसके अलावा भारत अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की एक अहम बैठक से पहले भारत ने यह संकेत दे दिया है कि वह पाकिस्तान के लिए IMF की तरफ से मिलने वाली राहत पैकेज का विरोध करेगा और अपनी राय वैश्विक संगठन को बता सकता है। विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने कहा कि भारत का IMF में कार्यकारी निदेशक शुक्रवार को होने वाली बोर्ड की बैठक में देश का पक्ष रखेंगे।
भारत का कहना है कि पाकिस्तान ने आतंकवादी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है और ये संगठन अभी भी वहां सक्रिय हैं। भारत ने यह भी आरोप लगाया है कि पाकिस्तान की जमीन से अब भी आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है, जिनका असर विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर और सीमावर्ती क्षेत्रों में देखा जा सकता है। राजनयिक विश्लेषकों के अनुसार, भारत की यह मांग केवल सुरक्षा चिंता ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा भी है। भारत लगातार कूटनीतिक मंचों पर पाकिस्तान को घेरने की कोशिश कर रहा है, ताकि उसे आतंकवाद के मुद्दे पर वैश्विक स्तर पर जवाबदेह ठहराया जा सके।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 9 May 2025 at 07:32 IST