अपडेटेड 30 July 2025 at 12:59 IST
कब तक स्थगित रहेगी सिंधु जल संधि? विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में दिया जवाब
राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बताया कि सिंधु जल संधि कब स्थगित रहेगी। उन्होंने कहा कि खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे।
Parliament Session : राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हो रही है। बुधवार को चर्चा की शुरुआत विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने की है। विदेश मंत्री ने सदन में पहलगाम हमले के बाद सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में बताया। इसी दौरान उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि कब तक स्थगित रहेगी।
विदेश मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते सवाल पूछा कि जब पाकिस्तान से न हमारी दोस्ती थी और न गुडविल, तो सिंधु समझौता क्यों हुआ? उन्होंने पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार के सिंधु जल समझौते को स्थगित करने के फैसले को सबसे महत्वपूर्ण कदम बताया और कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि ऐसे सिंधु जल समझौते की जरूरत क्या थी? इनको पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के किसानों की चिंता नहीं थी। इनको पाकिस्तान के पंजाब के किसानों की चिंता थी।
'खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे...'
राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान सिंधु जल संधि पर बोलते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने साफ किया कि सिंधु जल संधि तब तक स्थगित रहेगी, जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना पूरी तरह बंद नहीं कर देता। उन्होंने कहा कि खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे।
एस जयशंकर ने अपनी बात करते हुए कहा, “सिंधु जल संधि कई मायनों में एक अनूठा समझौता है। मैं दुनिया में ऐसे किसी भी समझौते के बारे में नहीं सोच सकता, जहां किसी देश ने अपनी प्रमुख नदियों को उस नदी पर अधिकार के बिना दूसरे देश में बहने दिया हो। इसलिए यह एक असाधारण समझौता था और, जब हमने इसे स्थगित कर दिया है, तो इस घटना के इतिहास को याद करना महत्वपूर्ण है।”
'पाकिस्तानी को जवाब देते रहेंगे'
विदेश मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देते हुए राज्यसभा में बताया कि जब ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ, तो कई देश यह जानने के लिए हमसे संपर्क में थे कि स्थिति कितनी गंभीर है और यह कब तक चलेगा? हमने सभी देशों को एक ही संदेश दिया कि हम किसी भी मध्यस्थता के लिए तैयार नहीं हैं। हमारे और पाकिस्तान के बीच कोई भी समझौता केवल द्विपक्षीय होगा... और हम पाकिस्तानी हमले का जवाब दे रहे हैं, और हम जवाब देते रहेंगे। अगर यह लड़ाई रुकनी है, तो पाकिस्तान को अनुरोध करना होगा और यह अनुरोध केवल डीजीएमओ के माध्यम से ही आ सकता है।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 30 July 2025 at 12:59 IST