अपडेटेड 29 August 2024 at 16:01 IST

Himachal: सरकार पर आया आर्थिक संकट...कटेगा मुख्यमंत्री और मंत्रियों का 2 महीने का वेतन

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली हिमाचल प्रदेश सरकार बड़े आर्थिक संकट में फंस गई है। खुद मुख्यमंत्री इस बात को स्वीकार कर रहे हैं।

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Himachal Pradesh CM Sukhvinder Singh Sukhu | Image: Facebook

Himachal Pradesh News: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली हिमाचल प्रदेश सरकार बड़े आर्थिक संकट में फंस गई है। खुद मुख्यमंत्री इस बात को स्वीकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। इसके पीछे का कारण बताते हुए सुखविंदर सिंह सुक्खू कह रहे हैं कि जीएसटी कंपनसेशन मिलना बंद होने से राज्य की आय कम हुई। आर्थिक संकट के बीच अब मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों के अलावा मुख्य संसदीय सचिव और बोर्ड अध्यक्ष तक की दो महीने की सैलरी में कटौती होगी।

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए अगले दो महीने तक वेतन नहीं लेने का फैसला लिया। उन्होंने गुरुवार को घोषणा की कि वो और उनके कैबिनेट मंत्री, मुख्य संसदीय सचिव और बोर्ड अध्यक्ष अगले दो महीने तक अपने वेतन, भत्ते और अन्य लाभ नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के आर्थिक हितों के लिए हमने एक निर्णायक कदम उठाया है।

सुक्खू ने दूसरे दलों से मांगा सहयोग

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बाकियों से भी इस पर सहयोग मांगा है। मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी के साथ विपक्षी बीजेपी के सभी विधायकों से फिलहाल स्वेच्छा से अपने वेतन और भत्ते स्थगित करने का अनुरोध किया है। 68 सदस्यीय हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के 40 और भाजपा के 28 विधायक हैं। सुक्खू ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि सभी माननीय जनप्रतिनिधि भी इस काम में हमारे साथ कदम से कदम मिलाएंगे और स्वेच्छा से अपने वेतन और भत्तों को विलंबित करने के इस महत्वपूर्ण निर्णय का समर्थन करेंगे।

उन्होंने कहा कि हमें हमेशा प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य को अपने व्यक्तिगत लाभों से पहले रखना होगा। ये सिर्फ हमारी जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि प्रदेश के हर नागरिक के प्रति हमारी सच्ची सेवा और निष्ठा का प्रतीक भी होगा। हम सब मिलकर इस चुनौतीपूर्ण समय में प्रदेश को आर्थिक संकट से उबारने के इस प्रयास में अपना अमूल्य योगदान दें। सुक्खू ने कहा कि हमारी एकता, संकल्प और अडिग निष्ठा ही इस संकट को पार करने का मार्ग प्रशस्त करेगी। हम अपनी इस प्रतिबद्धता और एकता से ही देवभूमि को सशक्त और समृद्ध बना सकेंगे।

जयराम ठाकुर ने घोटाले का आरोप लगाया

हालांकि, विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर के नेतृत्व में बीजेपी विधायकों ने आबकारी विभाग में घोटाले का आरोप लगाया और विधानसभा से वॉकआउट किया। पूर्व मुख्यमंत्री ठाकुर ने कहा, 'शराब की दुकानों की नीलामी आरक्षित मूल्य से कम पर की गई। शराब की दुकानों, खासकर काउंटी निर्मित शराब की दुकानों की संख्या कम कर दी गई है। ठेकेदार शराब की बोतलों को उन पर छपी एमआरपी से अधिक कीमत पर बेच रहे हैं। पूरी आबकारी नीति केवल उद्योग के बड़े खिलाड़ियों के लाभ के लिए बनाई गई है।' ठाकुर ने आरोप लगाया कि कई शराब की दुकानों की बोलियां यह कहकर रद्द कर दी गईं कि बोली लगाने वाले ही नहीं हैं। वास्तव में उन्हीं दुकानों को बाद में राज्य सरकार ने अपने पसंदीदा शराब ठेकेदारों को आवंटित कर दिया।

CM सुक्खू ने दिया आरोपों पर जवाब

बीजेपी के आरोपों पर सुक्खू ने कहा कि 2024-25 की आबकारी नीति के तहत अर्जित राजस्व बीजेपी के पांच साल के कार्यकाल के दौरान अर्जित कुल आबकारी राजस्व से कहीं अधिक है। सदन में अपने जवाब में सुक्खू ने ठाकुर और रणधीर शर्मा समेत बीजेपी नेताओं से शिकायत दर्ज कराने का आग्रह किया और कहा कि उनके आरोपों की जांच की जाएगी।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 29 August 2024 at 16:01 IST