अपडेटेड 10 December 2025 at 16:09 IST
Goa Nightclub Fire: गोवा रेस्टोरेंट कांड के आरोपी लूथरा ब्रदर्स ने रोहिणी कोर्ट में दायर की याचिका, 4 हफ्ते की मांगी अंतरिम जमानत
Goa club fire case:शनिवार रात को गोवा के नाइट क्लब में लगी आग में 25 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें 20 क्लब के कर्मचारी और पांच पर्यटक शामिल थे। इन पर्यटकों में 4 दिल्ली के थे। यह आग नॉर्थ गोवा के अरपोरा में बिर्च बाय रोमियो लेन नाइट क्लब लगी थी। हादसे के बाद इसकी जांच के आदेश दिए जा चुके हैं।
Goa club fire case: बीते शनिवार रात को गोवा के नाइट क्लब में लगी आग में 25 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें 20 क्लब के कर्मचारी और पांच पर्यटक शामिल थे। यह आग नॉर्थ गोवा के अरपोरा में एक नाइट क्लब (बिर्च बाय रोमियो लेन) लगी थी। हादसे के बाद इसकी जांच के आदेश दिए जा चुके हैं।
वहीं, घटना के बाद क्लब के मालिक लूथरा ब्रदर्स गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा थाईलैंड भाग गए थे। इनको लेकर पुलिस ने लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया है। इस बीच गोवा क्लब अग्निकांड मामले की सुनवाई दिल्ली की रोहिणी अदालत में शुरू हो गई है, जहां आरोपी गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा ने अंतरिम जमानत के लिए आवेदन दायर किए हैं। उन्होंने कोर्ट से 4 हफ्ते की अंतरिम जमानत की मांग की है।
सौरभ लूथरा मिर्गी और हाई बीपी से पीड़ित- वकील
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, गोवा क्लब अग्निकांड मामले की सुनवाई दिल्ली की रोहिणी अदालत में शुरू हो गई है। यहां आरोपी गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा ने अंतरिम जमानत के लिए आवेदन दायर किए हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा और वरिष्ठ अधिवक्ता तनवीर अहमद मीर दोनों आरोपियों की ओर से पेश हुए और अंतरिम सुरक्षा की मांग की।
मिली जानकारी के अनुसार, सुनवाई के दौरान, आरोपी सौरभ लूथरा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने चिकित्सकीय आधारों का हवाला देते हुए आरोपी सौरभ लूथरा की स्वास्थ्य स्थिति का जिक्र किया, जो मिर्गी और उच्च रक्तचाप (high blood pressure) से पीड़ित हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आरोपी क्लब के मालिक नहीं हैं, बल्कि वैध अनुमतियों के साथ केवल लाइसेंसधारी हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्वामित्व किसी और के पास है।
वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने तर्क दिया कि दिल्ली की अदालत, क्षेत्राधिकार क्षेत्र से बाहर होने के बावजूद, अंतरिम अग्रिम जमानत के मामलों में नोटिस जारी कर सकती है। उन्होंने राहत की गुहार लगाई ताकि आरोपी गोवा लौटकर वहां की सक्षम अदालत में अपील कर सकें।
कोर्ट ने आवेदक के न उपस्थित होने पर उठाया सवाल
सुनवाई के दौरान, रोहिणी न्यायालय ने पाया कि आवेदक शारीरिक रूप से उसके अधिकार क्षेत्र में उपस्थित नहीं था और सवाल उठाया कि ऐसी परिस्थितियों में अग्रिम जमानत याचिका को कैसे स्वीकार्य माना जा सकता है। इसके जवाब में, अधिवक्ता तनवीर अहमद मीर ने न्यायालय के प्रश्न का उत्तर देने के लिए कानूनी मिसालों का हवाला दिया। उन्होंने बताया कि वे यह आवेदन इसलिए कर रहे हैं क्योंकि आवेदक न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में स्थायी निवासी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मांगी गई एकमात्र राहत गिरफ्तारी से सुरक्षा है।
राज्य के वकील ने अनुरोध का किया विरोध
हालांकि, राज्य के वकील ने विस्तृत स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय मांगा। उन्होंने बताया कि आरोपी देश छोड़कर भाग गया है, गोवा की अदालत द्वारा पहले ही गैर-जमानती वारंट जारी किया जा चुका है, और अन्य प्रासंगिक तथ्यों को भी रिकॉर्ड में दर्ज करना आवश्यक है।
अदालत ने राज्य को सभी आवश्यक विवरणों के साथ अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले पर अगले दिन विचार करने का निर्णय लिया।
इस स्तर पर, अधिवक्ता तनवीर अहमद मीर ने अदालत से अगली सुनवाई तक आवेदक को अंतरिम सुरक्षा प्रदान करने का आग्रह किया। राज्य के वकील ने इस अनुरोध का कड़ा विरोध किया और किसी भी प्रकार की अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। इस मामले में अगली सुनवाई 11 दिसंबर यानी कल होगी।
Published By : Sujeet Kumar
पब्लिश्ड 10 December 2025 at 15:50 IST