अपडेटेड 22 October 2025 at 07:27 IST

Chardham Yatra 2025: गंगोत्री धाम के कपाट आज से बंद, इतने बजे मां गंगा की डोली मुखवा के लिए होगी रवाना

गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट पर्व पर बंद कर दिए गए हैं। मां गंगा की डोली मुखवा के लिए रवाना हो गई है।

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गंगोत्री धाम | Image: @UTDBofficial

गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट पर्व पर बुधवार (22 अक्टूबर) को सुबह 11 बजकर 36 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद मां गंगा की पवित्र डोली शीतकालीन प्रवास स्थल मुखवा के लिए प्रस्थान करेगी। गंगोत्री धाम स्थित गंगा मंदिर को तीन क्विंटल फूलों से सजाया गया है।

श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष धर्मानंद सेमवाल ने बताया कि, बुधवार को तड़के 4 बजे मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू हो जाएगी। पौने सात बजे मां गंगा की आरती होगी। इसके के बाद मां गंगा की पाषाणकालीन स्वयंभू मूर्ति से कलेवर को निकाला जाएगा।

गंगोत्री धाम के कपाट 11 बजकर 36 मिनट पर बंद

मां गंगा के कलेवर और उनकी चल विग्रह मूर्ति को डोली में विराजित करने के बाद 11 बजकर 36 मिनट पर गंगोत्री धाम की कपाटबंदी के साथ ही मां गंगा की डोली यात्रा मुखवा के लिए प्रस्थान कर देगी। यह यात्रा करीब 20 किमी की पैदल दूरी तय कर गुरुवार को मुखवा पहुचेंगी। इससे पूर्व डोली बुधवार शाम को मार्कंडेयपुरी स्थित मां अन्नपूर्णा मंदिर पहुंचेगी, जहां मां गंगा का ससुराल से मायके लौटने वाली बेटी की तर्ज पर भव्य स्वागत किया जाएगा।   

बद्रीनाथ, केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट कब होंगे बंद

22 अक्टूबर की रात को डोली मुखबा गांव से पहले मौजूद मार्कडेंय मंदिर में रात्रि विश्राम करेगी और उसके बाद अगले दिन 23 अक्टूबर की दोपहर विग्रह डोली मुखबा गांव पहुंचेगी। मां गंगा की भोगमूर्ति को यहां मंदिर में विधिविधान से शीतकाल 6 माह के लिए स्थापित किया जाएगा।

23 को बंद होंगे यमुनोत्री धाम के कपाट

गंगोत्री धाम के बाद यमुत्री धाम के कपाट 23 अक्टूबर 2025, गुरुवार यानि भाई दूज के दिन शतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। यमुनोत्री के कपाट दोपहर 12.30 बजे बंद हो जाएंगे। इसके बाद मां यमुनोत्री अगले छह माह शीतकाल में अपने मायके खरसाली गांव स्थिति यमुना मंदिर में विराजेंगी। 23 अक्टूबर की सुबह मां यमुना के भाई सोमेश्वर महाराज शनिदेव की डोली बहन को लेने के लिए रवाना होगी।

केदारनाथ धाम भी 23 अक्टूबर को होगा बंद

केदारनाथ धाम के कपाट भी 23 अक्टूबर को बंद होंगे। बाबा केदार के कपाट सुबह 8.30 बजे विधि विधान से पूजा-अनुष्ठान के बाद शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। इसके बाद बाबा केदार के दर्शन अगले 6 माह शीतकाल के लिए रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में मिलेंगे।

25 नवंबर को बंद होंगे बद्रिनाथ धाम के कपाट

उत्तराखंड स्थित चार धाम में से एक बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए 25 नवंबर को बंद होंगे। इसके बाद बद्रीनाथ धाम के शीतकाल में दर्शन चमोली के ज्योतिर्मठ के नृसिंह मंदिर और उद्धव एवं कुबेर जी की पांडुकेश्वर में होती है।

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 22 October 2025 at 07:24 IST