अपडेटेड 21 October 2025 at 23:28 IST

EXPLAINER/ 51 यादव-19 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में, 36 MLA का कटा टिकट... RJD की लिस्ट बनाने में पसोपेश में क्यों फंसे तेजस्वी? समझिए जातीय समीकरण

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए विपक्षी महागठबंधन में सीट बंटवारे पर अब तक पूरी सहमति नहीं बन पाई है, लेकिन इसी बीच महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी यानी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने सोमवार को अपने सभी 143 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी।

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Lalu Yadav With Tejaswi Yadav | Image: social media
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बिहार विधानसभा चुनाव के लिए विपक्षी महागठबंधन में सीट बंटवारे पर अब तक पूरी सहमति नहीं बन पाई है, लेकिन इसी बीच महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी यानी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने सोमवार को अपने सभी 143 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी। पिछली बार RJD ने 144 सीटों पर किस्मत आजमाई थी।

यह घोषणा उस वक्त आई जब दूसरे चरण की नामांकन की आखिरी तारीख थी। दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होना है, जबकि पहले चरण (6 नवंबर) के लिए RJD उम्मीदवार पहले ही पर्चा दाखिल कर चुके हैं, भले ही उनके नाम उस समय सार्वजनिक नहीं किए गए थे।

RJD की ओर से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इस बार फिर अपने गढ़ राघोपुर से मैदान में उतरेंगे। पार्टी ने अपने 41 मौजूदा विधायकों को दोबारा मौका दिया है, इनमें आलोक मेहता, युसुफ सलाहुद्दीन और चंद्रहास चौपाल जैसे नाम शामिल हैं। वहीं 36 पुराने विधायकों के टिकट काटकर नई शक्लें सामने लाने की कोशिश की गई है। पार्टी ने कई युवा चेहरों को उतारा है, जैसे यूथ फ्रंट के अध्यक्ष राजेश यादव, जिन्हें दिनारा सीट से मैदान में उतारा गया है।

यादव समुदाय से 51 उम्मीदवार

तेजस्वी यादव ने इस बार भी यादव-मुस्लिम समीकरण को पार्टी की नींव बनाए रखा है। 143 उम्मीदवारों में से लगभग आधे इसी वर्ग से आते हैं। पार्टी ने 51 यादव और 19 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देकर यह साफ संदेश दिया है कि आरजेडी अपने ‘कोर वोट बैंक’ को किसी भी हाल में एकजुट रखना चाहती है। इन दोनों समूहों का साथ आरजेडी के लिए 1990 के दशक से जीत का आधार रहा है। साथ ही, पार्टी ने 13 कुशवाहा उम्मीदवारों को शामिल कर ‘K’ कार्ड भी खेला है, ताकि पिछड़ी जातियों के वोटों पर भी पकड़ मजबूत बने।

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राजद ने इस बार पुराने 36 विधायकों के टिकट काट दिए हैं। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, कई मौजूदा विधायकों की कार्यशैली को जनता में असंतोषजनक पाया गया। इसके अलावा, तेजस्वी यादव की टीम ने हर सीट पर स्थानीय समीकरणों का आकलन कर यह निर्णय लिया कि नए चेहरों को आगे लाया जाए। इससे तेजस्वी खुद को एक निर्णायक और युवा नेता के रूप में प्रस्तुत करना चाहते हैं, जो बदलाव से डरता नहीं बल्कि बदलाव लाता है।

महिलाओं और युवाओं को प्राथमिकता

राजद की सूची में 24 महिलाओं और ढेरों युवा चेहरों को टिकट दिया गया है। इसमें सबसे बड़ा संदेश ‘नई राजनीति’ का है। तेजस्वी यादव ने तेज प्रताप यादव की सीट हसनपुर से माला पुष्पम को मैदान में उतारकर बड़ा सियासी संदेश दिया है। इसे पार्टी के भीतर ‘समीकरण से ऊपर प्रतिनिधित्व’ वाला कदम बताया जा रहा है ।​

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‘बाहुबली फैक्टर’ और पुराने दांव

आरजेडी ने इस बार ताकतवर नेताओं के परिवारों को भी मौका दिया है। नवादा से कौशल यादव, मोकामा से सूरजभान सिंह की पत्नी वीना देवी और रघुनाथपुर से शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब जैसे नाम पार्टी के उस प्रयास का हिस्सा हैं, जिसके जरिए जमीन पर पकड़ मजबूत रखने की रणनीति अपनाई गई है ।​

सूत्रों के अनुसार, पहले चरण की सूची बनाने में तेजस्वी यादव को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। जातीय संतुलन, गठबंधन सहयोगियों की मांगें और लोकसभा चुनाव के बाद के संदेश ने लिस्ट को अंतिम रूप देने में कठिनाई बढ़ाई। तेजस्वी चाहते थे कि टिकट बंटवारे में पार्टी की “A to Z” अपील बनी रहे, लेकिन यादव-मुस्लिम बहुल उम्मीदवारों की संख्या खुद इस दावे को चुनौती देती दिखी।​

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 21 October 2025 at 23:24 IST