अपडेटेड 17 July 2025 at 15:38 IST

Apache Helicopters: ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के फिर उड़ेंगे होश, अमेरिका से अपाचे हेलिकॉप्टर की पहली खेप पहुंचने वाली है भारत

"हवा में टैंक" के रूप में जाना जाने वाला AH-64E अपाचे हेलफायर मिसाइलों, हाइड्रा रॉकेटों और स्टिंगर मिसाइलों को ले जाने में सक्षम है। 1,200 राउंड वाली 30 मिमी की चेन गन 360° कवरेज वाले फायर कंट्रोल रडार, नाइट विज़न सिस्टम और टारगेट लॉक सेंसर से लैस है।

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अमेरिका से अपाचे हेलिकॉप्टर की पहली खेप पहुंचने वाली है भारत | Image: X

Apache Helicopters: पाकिस्तान से सटे भारत की सीमाओं पर भारतीय सेना की ताकत बढ़ने जा रही है। भारतीय सीमा की सुरक्षा अब और कड़ी होने वाली है। दरअसल, भारत को 21 जुलाई 2025 को अपाचे अटैक हेलीकॉप्टरों की पहली खेप मिलने वाली है। भारत को AH-64E अपाचे अटैक हेलीकॉप्टरों की पहली खेप अमेरिका से प्राप्त होगी। यह भारतीय सेना के आधुनिकीकरण और तकनीकी प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन अपाचे हेलिकॉप्टरों को पाकिस्तान से सटे हुए भारतीय सीमा पर तैनात किया जाएगा। ये हेलीकॉप्टर भारतीय वायु सेना के हिंडन वायु सेना स्टेशन पर पहुंचेंगे और पाकिस्तान सीमा पर इसको तैनात किया जाएगा। खासतौर से इसे जोधपुर के निकट रेगिस्तानी क्षेत्र में तैनात किया जाएगा। बता दें, यहां सेना ने मार्च 2024 में अपना पहला अपाचे स्क्वाड्रन स्थापित किया था।

आक्रामक क्षमताओं में होगी बढ़ोतरी

इन अपाचे हेलीकॉप्टरों से आक्रामक क्षमताओं में जोरदार बढ़ोतरी होने के साथ-साथ उच्च-तीव्रता वाले युद्ध क्षेत्रों में नजदीकी हवाई मदद मिलने की भी उम्मीद है।

Apache Helicopter-X

क्या है अपाचे AH-64E की क्षमताएं

"हवा में टैंक" के रूप में जाना जाने वाला AH-64E अपाचे हेलफायर मिसाइलों, हाइड्रा रॉकेटों और स्टिंगर मिसाइलों को ले जाने में सक्षम है। 1,200 राउंड वाली 30 मिमी की चेन गन 360° कवरेज वाले फायर कंट्रोल रडार, नाइट विज़न सिस्टम और टारगेट लॉक सेंसर से लैस है। इन अत्याधुनिक और उन्नत अपाचे हेलीकॉप्टरों के शामिल होने से सटीक हमला करने की क्षमता बढ़ेगी और नेटवर्क युद्ध प्रणालियों को मजबूती मिलेगी।

कब तक होगी पूरी डिलिवरी?

पहले बैच में तीन हेलीकॉप्टर शामिल हैं, और बाकी के तीन इस साल के अंत तक आने की उम्मीद है। बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2020 में जब भारत आए थे, तब दोनों देशों को बीच 600 मिलियन डॉलर की डील साइन हुई थी। भारतीय वायुसेना वर्तमान में ध्रुव, रुद्र और हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों (एलसीएच) का संचालन करती है।

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 16 July 2025 at 23:28 IST