अपडेटेड 27 December 2025 at 08:05 IST

उत्तराखंड में फर्जी बाबाओं और ढोंगियों की खैर नहीं, 'ऑपरेशन कालनेमि' के तहत 511 गिरफ्तार, 19 बांग्लादेशी भी शामिल

उत्तराखंड में बाबाओं का वेरिफिकेशन किया जा रहा है, 'ऑपरेशन कालनेमि' के तहत अब तक 19 बांग्लादेशियों सहित कुल 511 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ऑपरेशन कालनेमि के बारे में जानें...

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उत्तराखंड में 511 लोग गिरफ्तार, 19 बांग्लादेशी भी शामिल | Image: AI

Operation Kalanemi in Uttarakhand : उत्तराखंड में ऑपरेशन कालनेमि के तहत 511 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिसमें से 19 लोग बांग्लादेशी हैं। ऑपरेशन कालनेमि उत्तराखंड में जुलाई 2025 में शुरू किया गया था। जिसमें लोगों का वेरिफिकेशन किया जाता है। ताकि धर्म और आस्था की आड़ में पाखंड और धोखाधड़ी कर रहे लोगों की पहचान कर उन्हें पकड़ा जा सके।

उत्तराखंड सरकार के एक बयान के मुताबिक, इस ऑपरेशन कालनेमि के तहत हरिद्वार, देहरादून और उधम सिंह नगर जिलों में 4,800 से ज्यादा लोगों का वेरिफिकेशन (Verification) किया गया, जिनमें से 511 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। क्योंकि उनके पास निवास संबंधी जानकारी और पूरे पहचान पत्र नहीं मिले।

क्या है ऑपरेशन कालनेमि? 

उत्तराखंड में 'ऑपरेशन कालनेमि' राज्य सरकार का एक खास अभियान है, जिसका उद्देश्य साधु-संतों का वेश धारण कर लोगों को ठगने वाले फर्जी बाबाओं और ढोंगियों का पर्दाफाश करना और उन्हें कानून के दायरे में लाना है, क्योंकि यह अभियान रामायण के कालनेमि (रावण के कहने पर हनुमान को भटकाने वाला राक्षस) की तरह छल करने वालों पर नकेल कसने के लिए शुरू किया गया है। इस ऑपरेशन के तहत कई फर्जी बाबाओं पर कार्रवाई की गई है और उत्तराखंड की पवित्र भूमि पर किसी भी तरह के धोखे और पाखंड को रोकने का संदेश दिया गया है। 

उत्तराखंड में साधु-संतों का वेरिफिकेशन

उत्तराखंड में बागेश्वर पुलिस ने भी 'ऑपरेशन कालनेमि' के तहत जनपद के अलग-अलग धार्मिक स्थलों और मंदिर परिसरों में रह रहे साधु-संतों, सन्यासियों और संदिग्ध व्यक्तियों का वेरिफिकेशन किया है। पुलिस टीमों ने उनके पहचान पत्रों, निवास संबंधी जानकारी और गतिविधियों की जांच की। जनपद पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध बाबा या धार्मिक स्थल पर असामान्य गतिविधि की सूचना तत्काल पुलिस को दें। बागेश्वर पुलिस ने बताया कि ऑपरेशन 'कालनेमि' के तहत जनपद में सघन चेकिंग और सत्यापन अभियान जारी रहेगा। इसका उद्देश्य धार्मिक आस्था की पवित्रता बनाए रखते हुए समाज को ढोंग और पाखंड से मुक्त करना है।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 27 December 2025 at 08:05 IST