अपडेटेड 11 December 2025 at 17:24 IST
BREAKING: SIR पर संसद में चर्चा के बाद चुनाव आयोग का बड़ा फैसला, UP समेत देश के 6 राज्यों में बढ़ी एसआईआर की समय सीमा
SIR: यूपी समेत देश के 6 राज्यों में चुनाव आयोग ने SIR कराने की समय सीमा को आगे बढ़ाया है। हाल ही में चुनाव सुधारों को लेकर संसद में हुई चर्चा के बाद आयोग ने बड़ा कदम उठाया है।
SIR New Date: देश के कई राज्यों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया की समय सीमा को आगे बढ़ा दिया गया है। चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश समेत कुल 6 राज्यों में SIR की तारीख में बदलाव किया गया है। जिन राज्यों में SIR कराने की अवधि को आगे बढ़ाया गया उसमें यूपी के अलावा तमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अंडमान एंड निकोबार शामिल हैं।
दरअसल, कई राज्यों के सीईओ ने चुनाव आयोग से मांग की थी कि SIR के लिए समयसीमा को आगे बढ़ा दिया जाए। इसके बाद चुनाव आयोग ने गुरुवार, 11 दिसंबर को इसे बढ़ाने का फैसला किया। आयोग ने संशोधित SIR की तारीख का नया शेड्यूल जारी कर दिया है।
इन राज्यों में आगे बढ़ी डेट
तमिलनाडु और गुजरात में SIR फॉर्म जमा कराने के लिए पांच दिन का अतिरिक्त समय मिलेगा। क्योंकि पहले यहां SIR फॉर्म सबमिट करने की आखिरी तारीख 14 दिसंबर 2025 थी। इन दोनों राज्यों में इसे आगे बढ़ाकर अब 19 दिसंबर, 2025 तक कर दिया है। इसी तरह मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं अंडमान और निकोबार में भी SIR की आखिरी डेट को 18 दिसंबर 2025 से बढ़ाकर 23 दिसंबर 2025 कर दिया गया है।
वहीं बात उत्तर प्रदेश की करें तो यहां SIR की अंतिम तिथि आगे बढ़कर 31 दिसंबर 2025 कर दी गई है, जो पहले 26 दिसंबर 2025 थी।
इन 6 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए गिनती का समय पहले 11 दिसंबर 2025 था। वहीं, इलेक्टोरल रोल पब्लिश होने की तारीख 16 दिसंबर 2025 थी। गोवा, गुजरात, लक्षद्वीप, राजस्थान और पश्चिम बंगाल के लिए गिनती का समय आज, 11 दिसंबर को खत्म हो रहा है। इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए ड्राफ़्ट इलेक्टोरल रोल 16 दिसंबर को पब्लिश किए जाएंगे।
चुनाव आयोग ने दिए निर्देश
चुनाव आयोग ने 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों को निर्देश दिए है कि मसौदा सूची जारी होने से पहले हर बूथ पर पाए गए मृत, स्थानांतरित, अनुपस्थित और डुप्लीकेट मतदाताओं की सूची राजनीतिक दलों से जुड़े बूथ लेवल एजेंटों के साथ साझा करें। चुनाव आयोग ने ये भी निर्देश दिया है कि बिहार में जिस तरह से ऐसे मतदाताओं की लिस्ट को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर अपलोड किया गया था, उसी तरह से सभी राज्य में इसे उपलब्ध कराया जाए। इससे मतदाताओं की सूची में सुधार करने में मदद मिलेगी। साथ ही साथ मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 11 December 2025 at 16:40 IST