अपडेटेड 21 May 2025 at 15:16 IST
नेताओं को लड़कियां सप्लाई करता है पति, मुझे भी किया...; DMK नेता की पत्नी के आरोपों से तमिलनाडु में भूचाल
तमिलनाडु के रानीपेट जिले के अरक्कोणम से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक 20 वर्षीय कॉलेज छात्रा ने अपने पतिपर गंभीर आरोप लगाए हैं।
तमिलनाडु के रानीपेट जिले के अरक्कोणम से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक 20 वर्षीय कॉलेज छात्रा ने अपने पतिपर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला का आरोप है कि उसका पति देइवासेयाल, उसे न केवल प्रताड़ित करता था बल्कि बड़े-बड़े नेताओं को लड़कियां सप्लाई करता था। देइवासेयाल खुद डीएमके (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) के युवा शाखा का पदाधिकारी है। पत्नी ने आरोप लगाया है देइवासेयाल ने उसे भी डीएमके के कई नेताओं के साथ सोने को मजबूर करता था। पीड़िता ने दावा किया कि देइवासेयाल ने उस पर मानसिक और शारीरिक अत्याचार किया। महिला ने एक बयान में कहा कि उसका पति उसे धमकी देता था कि यदि उसने पुलिस से शिकायत की तो उसे और उसके परिवार को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
पीड़िता के मुताबिक “देइवासेयाल ने कॉलेज जाते समय मुझ पर हमला किया, मुझे घायल किया और मेरा फोन तोड़ दिया। वह अक्सर कहता था कि ‘तुम चाहे जो कर लो, पुलिस मेरा साथ देगी।’ पत्नी ने आरोप लगाया कि उसके अत्याचारों से तंग आकर मैंने आत्महत्या करने की कोशिश की। युवती ने यह भी बताया कि उसका पति 20 साल की अन्य लड़कियों को भी जबरन राजनेताओं के साथ भेजता था और अगर कोई विरोध करता, तो धमकियां देता था। पीड़िता ने अपनी शिकायत में यह भी दावा किया कि आरोपी देइवासेयाल का तमिलनाडु के स्कूल शिक्षा मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोझी से संपर्क है। इस खुलासे से मामला और अधिक राजनीतिक रंग ले चुका है।
पुलिस ने की एफआईआर में देरी तो AIADMK ने घेरा
इस मामले पर एआईएडीएमके (अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) ने डीएमके सरकार और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एआईएडीएमके नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एडप्पादी के पलानीस्वामी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर दावा किया कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में जानबूझकर देरी की क्योंकि आरोपी देइवासेयाल के सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं से घनिष्ठ संबंध हैं। पलानीस्वामी ने कहा कि जब तक एआईएडीएमके के अरक्कोणम विधायक एस रवि ने हस्तक्षेप नहीं किया, तब तक पुलिस ने शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की।
पलानीस्वामी ने हमला बोलते हुए कहा, “स्टालिन सरकार में पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया, जब तक कि हमारे विधायक ने पीड़िता की मदद नहीं की”। इस मामले में पुलिस ने अंततः एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि, एफआईआर दर्ज करने में हुई देरी पर अभी तक कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 21 May 2025 at 15:16 IST