अपडेटेड 12 December 2025 at 21:33 IST
एक 'चाय' अनेक नाम, जानें दुनिया में क्या-क्या कहते हैं लोग... कहीं मीठी, कहीं नमकीन, कहीं घुटनों पर बैठकर पीते हैं लोग
दुनिया के अलग-अलग देशों में चाय को क्या कहते क्या हैं? जापान की 'ओ-चा' से लेकर तिब्बत की नमकीन 'पो-चा' तक, इस लेख में दुनिया में चाय के अलग अलग नाम और अनोखे स्वाद को खूबसूरती से पेश किया गया है।
Global Tea Culture : एक छोटी-सी पत्ती ऐसी है जिसका दूनिया भर में सेवन किया जाता है, ये दुनिया को जोड़ने की ताकत रखती है। जी हां हम बात कर रहे हैं 'चाय' की, भारत में हम इसे ‘चाय’ कहते हैं, लेकिन दुनिया के कोने-कोने में इसके नाम और बनाने का तरीका अलग अलग है। चाय के इन दिलचस्प नामों और परंपराओं को हम खूबसूरती से पेश करने की कोशिश करते हैं। क्योंकि चाय सिर्फ चाय नहीं एक एहसास है, जो परिवार को जोड़ती है अपनो को जोड़ती है और एक स्तर पर दुनिया को भी जोड़ती है।
जापान में महमानों संग पी जाती है ‘ओ-चा’
जापान में चाय को बड़े अदब से “ओ-चा” (O-cha) कहा जाता है। यहां ज्यादातर हरी चाय (ग्रीन टी) पी जाती है। पारंपरिक जापानी चाय समारोह (Chanoyu) में मेहमानों को बड़ी शालीनता से चाय परोसी जाती है। यह चाय जमीन पर एक छोटी सी टेबर पर रख कर पी जाती है, यह एक ध्यान जैसा है। परिवार और दोस्त आपस में मिलकर इसी तरह ओ-चा पीते हैं।
नेपाल की ठंड में गर्माहट देती है ‘चिया’
नेपाल में चाय को “चिया” (Chiya) कहा जाता है। हिमालय के पहाड़ों की ठंड में गर्माहट देने वाली नेपाली चिया में भी भारत की तरह दूध, चीनी, इलायची, दालचीनी और अदरक डाला जाता है मस्त उबालकर ये जाय बनाई जाती है। काठमांडू की गलियों में हर दुकान पर चिया की खुशबू फैली रहती है।
लाहौर से कराची ‘चाए’ पर महफिलों का अड्डा
पाकिस्तान में चाय को भारत की तरह ही थोड़ा से अलग स्टाइल में “चाए” (Chaae) बोला जाता है। पाकिस्तान में चाय को प्यार से “चाए” पुकारा जाता है। दूध वाली यह चाय अदरक, इलायची और कभी-कभी पुदीने के साथ बनती है। लाहौर से कराची तक चाय की टपरियां दोस्तों की महफिलों का अड्डा होती हैं।
तिब्बत में नमकीन ‘पो-चा’ पीते हैं लोग
तिब्बत में चाय को “पो-चा” (Po Cha) कहा जाता है। तिब्बत की कड़कड़ाती ठंड में लोग नमकीन चाय पीना पसंद करते हैं, जिसे “पो-चा” या “बटर टी” कहते हैं। इसमें याक का मक्खन, नमक और चाय की पत्तियां डाली जाती हैं। यह चाय शरीर को गर्म रखने के साथ-साथ ऊर्जा भी देती है।
बात की जाए भारत की तो, अकेले भारत में ही चाय के सैकड़ों रूप हैं। जी हां कश्मीरी कहवा, असम की ब्लैक टी, दार्जिलिंग की फर्स्ट फ्लश, सुलैमानी चाय, इरानी चाय और हमारी हर रोज पी जाने वाली कढ़क मसाला चाय। चाय सिर्फ एक पेय नहीं, बल्कि संस्कृति, दोस्ती और यादों का साथी है। अगली बार जब आप चाय की चुस्की लें, तो याद रखिएगा, दुनिया के किसी कोने में कोई इसे “ओ-चा”, कोई “चिया” और कोई “पो-चा” कहकर पी रहा होगा।
Published By : Sujeet Kumar
पब्लिश्ड 12 December 2025 at 21:31 IST