अपडेटेड 28 July 2024 at 14:44 IST
खतरनाक होता है सपनों का...राव IAS कोचिंग सेंटर में डूबकर मर गए '3 सपने', श्रेया के गांव में सन्नाटा
सिस्टम की लापरवाही से हुई श्रेया की मौत से पूरे गांव में सन्नाटे का 'शोर' फैला हुआ है। गांव की बेटी की याद में घरवालों के साथ आस-पड़ोस के लोग भी आंसू बहा रहे।
सबसे ख़तरनाक होता है
मुर्दा शांति से भर जाना
न होना तड़प ना सब कुछ सहन कर जाना
घर से निकलना काम पर
और काम से लौटकर घर आना
सबसे ख़तरनाक होता है
हमारे सपनों का मर जाना
दिल्ली के कोचिंग सेंटर में हुई झकझोर देने वाली घटना पर पाश की ये कविता सबकुछ बंया कर रही है। यूपीपीएससी परीक्षा की तैयारी करने गई 25 साल की श्रेया यादव IAS बनने का सपना लेकर यूपी में अंबेडकरनगर से दिल्ली आई थी। पूरे गांव का मान-शान और सम्मान बढ़ाना उसकी ख्वाहिश थी। लेकिन राव IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में भरे 12 फुट पानी में उसके सपने डूब गए। श्रेया की मौत हो गई।
सिस्टम की लापरवाही से हुई श्रेया की मौत से पूरे गांव में सन्नाटे का 'शोर' फैला हुआ है। गांव की बेटी की याद में घरवालों के साथ आस-पड़ोस के लोग भी आंसू बहा रहे हैं। श्रेया के मां-बाप का रो-रोकर बुरा हाल है। लोगों को सूझ नहीं रहा कि आखिर वै कैसे घरवालों को सांत्वना दें। घर के सामने रविवार सुबह से ही मीडिया का जमावड़ा लगा हुआ है। पड़ोस के गांवों से भी लोग घटना के बारे में सुनकर श्रेया के घर दौड़े चले आ रहे हैं।
श्रेया का चेहरा तक नहीं देखने दिया, रात भर अस्पताल के बाहर खड़े रहे चाचा
श्रेया यादव के परिवार का बयान सामने आया है। श्रेया के रिश्तेदार ने आरोप लगाया कि उन्हें ना तो प्रशासन ने मामले की जानकारी दी और ना ही कोचिंग सेंटर की ओर से कुछ बताया गया। इतना ही नहीं, उन्हें तो पहचान के लिए श्रेया का चेहरा तक नहीं देखने दिया। सिर्फ एक कागज पर श्रेया का नाम लिखा हुआ दिखा दिया।
श्रेया के चाचा ने कहा, मुझे कोचिंग सेंटर या प्रशासन से आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं मिली। मैंने खबर देखी और वहां पहुंचा। मैं मुर्दाघर गया और उनसे पहचान के लिए चेहरा दिखाने को कहा लेकिन उन्होंने यह कहकर इनकार कर दिया कि यह पुलिस का मामला है। उन्होंने मुझे एक कागज दिखाया जिसमें श्रेया यादव नाम लिखा था।
श्रेया को मदर डेयरी में नौकरी मिल गई थी पर उसे IAS बनना था
श्रेया के परिजनों ने बताया कि उसने बीएससी एग्रिकल्चर किया था। दिल्ली की मदर डेयरी कंपनी में श्रेया को नौकरी मिल गई थी। लेकिन उसने यूपीएससी तैयारी करने का फैसला किया। घरवालों ने भी उसे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रेरित किया। वह बीते अप्रैल में दिल्ली गई थी। जून महीने में उसने राव आईएएस एकेडमी में एडमिशन लिया था। हमारी मांग है कि बेसमेंट में चल रहे ऐसे कोचिंग सेंटरों पर तत्काल रोक लगाए। कब तक ऐसे बच्चे अपनी जान गवांते रहेंगे।
कोचिंग सेंटर में 3 मौतों का जिम्मेदार कौन?
राव IAS कोचिंग सेंटर में हुए तीन छात्रों की मौत के बाद से सवाल उठने लगे हैं कि जिम्मेदार कौन? सवाल ये भी उठ रहे हैं कि क्या कोचिंग वाले मानेंगे कि ये उनकी लापरवाही का नतीजा है? क्या दिल्ली सरकार इस घटना की जिम्मेदारी लेगी?
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 28 July 2024 at 14:44 IST