अपडेटेड 13 August 2024 at 17:06 IST

जबरदस्ती बनाये गए अप्राकृतिक यौन सबंध पर सजा क्यों नहीं? दिल्ली HC ने सरकार से मांगा जवाब

Delhi News: याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।

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दिल्ली हाई कोर्ट | Image: PTI

New Delhi: नए कानून में जबरदस्ती बनाए गए अप्राकृतिक यौन सबंध से निपटने के लिए कोई प्रावधान न होने को लेकर दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।

कोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील से कहा है कि वो इस बारे में निर्देश लेकर अगली सुनवाई पर कोर्ट को अवगत कराएंगे। अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी।

ये है मामला

याचिकाकर्त्ता का कहना था कि पहले IPC की धारा 377 के तहत अप्राकृतिक यौन सबंध बनाने पर सजा का प्रावधान था, लेकिन नए कानून में इस धारा को खत्म कर दिया गया है। इसके बजाए कोई नई धारा भी नहीं जोड़ी गई है। इसके चलते अभी अप्राकृतिक यौन उत्पीड़न के शिकार पुरुषों और शादीशुदा संबंध में इस तरह के संबंधों को झेलने वाली महिलाओं लिए कोई कानूनी राहत का प्रावधान नए कानून में नहीं है।

एक जुलाई 2024 को प्रभावी हुई थी BNS

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा, “वो प्रावधान कहां है? कोई प्रावधान ही नहीं है। वो है ही नहीं। कुछ तो होना चाहिए। सवाल ये है कि अगर वो (प्रावधान) वहां नहीं है, तो क्या वो अपराध है? अगर कोई अपराध नहीं है और अगर उसे मिटा दिया जाता है, तो वो अपराध नहीं है...।” 

अदालत गंतव्य गुलाटी नामक वकील की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए थे, तथा उन्होंने बीएनएस लागू होने से उत्पन्न “आवश्यक कानूनी कमी” को दूर करने की मांग की थी। बीएनएस के लागू होने के कारण भारतीय दंड संहिता की धारा 377 को भी निरस्त करना पड़ा।

वकील ने कहा कि बीएनएस भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के समतुल्य किसी भी प्रावधान को शामिल नहीं करती है, जिसके कारण प्रत्येक व्यक्ति, विशेषकर ‘एलजीबीटीक्यू’ समुदाय प्रभावित होगा। उन्होंने एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोगों के खिलाफ कथित अत्याचारों पर भी प्रकाश डाला।

भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत दो वयस्कों के बीच बिना सहमति के अप्राकृतिक यौन संबंध, नाबालिगों के खिलाफ यौन गतिविधियां और पशुओं से यौन संबंध को दंडित किया जाता है। आईपीसी की जगह लेने वाली बीएनएस एक जुलाई 2024 को प्रभावी हुई थी।

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(PTI इनपुट के साथ रिपब्लिक भारत)

Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 13 August 2024 at 16:08 IST