अपडेटेड 2 December 2025 at 08:05 IST

Pollution: दमघोंटू बनी हुई है दिल्ली-NCR की हवा, पराली नहीं... 'जहरीली हवा' की ये है असली वजह, स्टडी में खुलासा

Study on Delhi-NCR Pollution: इस बार पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं कम हुई। बावजूद इसके दिल्ली-NCR की हवा जहरीली बनी हुई। एक स्टडी में दिल्ली के प्रदूषण की असल वजह सामने आई है।

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Delhi Pollution | Image: Republic

Delhi Pollution: देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण नाम का ये संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा। ये एक साइलेंट किलर बन गया है। हवा में घुला जहर लगातार चिंताएं बढ़ा रहा है। इस बार पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं कम हुई। बावजूद इसके दिल्ली-NCR की हवा जहरीली बनी हुई। अब नई स्टडी में दिल्ली की जहरीली हवा की असल वजह सामने आई है।

अक्टूबर और नवंबर के ज्यादातर प्रदूषण का स्तर 'बेहद खराब' और 'गंभीर' के बीच ही बना रहा। प्रदूषण का स्तर अब भी कम नहीं हो रहा है। दिल्ली के ज्यादातर इलाके रेड जोन में हैं, जहां हालात काफी खराब है। दिल्ली के साथ ही आसपास के इलाके जैसे नोएडा-गाजियाबाद में भी दमघोंटू हवा ने लोगों की समस्याएं बढ़ा रखी है।

प्रदूषण के लिए ट्रैफिक और स्थानीय कारण जिम्मदेार 

इस बीच दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) की नई रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिए जिम्मदेार ट्रैफिक और स्थानीय कारण हैं। पराली का इसमें योगदान न के बराबर है। रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली के 22 प्रदूषण निगरानी स्टेशनों पर 59 में से 30 से अधिक दिनों तक कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) की मात्रा तय सीमा से ज्यादा रही। इस दौरान द्वारका सेक्टर-8 में सबसे ज्यादा 55 दिन और इसके बाद जहांगीरपुरी और दिल्ली यूनिवर्सिटी नॉर्थ कैंपस में 50-50 दिन हवा में CO की मात्रा तय मानकों से अधिक रही।

दिल्ली के सबसे प्रदूषित इलाके

दिल्ली का सबसे प्रदूषित हॉटस्पॉट जहांगीरपुरी है और इसके बाद बवाना, वजीरपुर, आनंद विहार का नंबर आता है। CSE ने कुछ नए हॉटस्पॉट चिन्हित किए हैं, जिसमें विवेक विहार, अलीपुर, नेहरू नगर, सिरी फोर्ट, द्वारका सेक्टर 8 और पटपड़गंज शामिल हैं।

‘जहरीले मिश्रण’ ने बढ़ाई मुसीबत

रिपोर्ट से कहा गया है कि प्रदूषण का मुख्य कारण स्थानीय स्रोतों से होने वाला उत्सर्जन है। इस बार पराली जलाने से होने वाला प्रदूषण काफी कम हुआ। वाहनों और अन्य स्थानीय स्रोतों से निकलने वाला PM 2.5, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) और कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) का बढ़ता "जहरीला मिश्रण" इसका मुख्य कारण है। स्टडी में बताया गया कि दिल्ली में सुबह 7-10 बजे और शाम 6-9 बजे पीक ट्रैफिक ऑवर के दौरान हवा में PM2.5 और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) दोनों की मात्रा साथ में बढ़ी।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 2 December 2025 at 08:05 IST