अपडेटेड 27 September 2025 at 17:05 IST

Delhi BMW Accident: आरोपी गगनप्रीत को राहत, पटियाला हाउस कोर्ट से मिली जमानत; BMW हादसे में वित्त मंत्रालय के अधिकारी की हुई थी मौत

Dhaula Kuan BMW Accident Case: अब यह मामला दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में गया था। बीते गुरुवार को कोर्ट ने धौला कुआं बीएमडब्ल्यू दुर्घटना मामले में गिरफ्तार गगनप्रीत कौर की जमानत याचिका पर सुनवाई की और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज पटियाला हाउस कोर्ट ने आरोपी गगनप्रीत कौर को जमानत दे दी है।

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Dhaula Kuan BMW Accident Case | Image: Social media/X

Dhaula Kuan BMW Accident Case: दिल्ली के धौला कुआं क्षेत्र में BMW दुर्घटना मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने आरोपी गगनप्रीत कौर को जमानत दे दी है। मालूम हो कि बीते दिनों दिल्ली के धौला कुआं क्षेत्र में एक BMW कार की टक्कर से बाइक सवार वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी (उप सचिव) नवजोत सिंह की मौत में हो गई थी, जबकि उनकी पत्नी जख्मी हो गईं थीं। बताया गया कि हादसे के वक्त कार (BMW Car) गगनप्रीत कौर (मुख्य आरोपी) चला रही थीं और कार में 5 लोग सवार थे। पुलिस ने आरोपी गगनप्रीत को गिरफ्तार कर लिया था।

अब यह मामला दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में गया था। बीते गुरुवार को कोर्ट ने धौला कुआं बीएमडब्ल्यू दुर्घटना मामले में गिरफ्तार गगनप्रीत कौर की जमानत याचिका पर सुनवाई की और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज पटियाला हाउस कोर्ट ने आरोपी गगनप्रीत कौर को जमानत दे दी है।

कोर्ट में दोनों पक्षों में क्या हुई थी बहस?

बीते गुरुवार को प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) अंकित गर्ग ने घटना के सीसीटीवी फुटेज देखने और विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) अतुल श्रीवास्तव, बचाव पक्ष के वकील प्रदीप राणा और शिकायतकर्ता के वकील की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया। न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने अदालत में घटना का सीसीटीवी फुटेज दिखाया। विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने दलील दी कि कम दूरी पर एक दर्जन से ज्यादा अस्पताल उपलब्ध हैं। लेकिन आरोपी घायलों को दूर स्थित अस्पताल ले गए। न्यूलाइफ एक छोटा नर्सिंग होम है।

यह भी दलील दी गई कि कार की गति तेज थी, जो कार की हालत से साफ है। एसपीपी ने दलील दी कि इस सड़क पर अधिकतम गति 50 किमी प्रति घंटा है। उन्होंने यह भी कहा कि कार तेज गति में थी और उसने बाइक को टक्कर मार दी। उन्होंने यह भी कहा कि न्यूलाइफ अस्पताल एक नर्सिंग होम है जो आगे की देखभाल के लिए है। अस्पताल प्रारंभिक उपचार के लिए होते हैं।


अगर उसका इरादा होता, तो वह (गगनप्रीत कौर) मौके से भाग जाती - बचाव पक्ष

 दूसरी ओर, आरोपी के वकील गगन भटनागर के साथ अधिवक्ता प्रदीप राणा ने दलील दी कि फुटेज के एक भी फ्रेम में मृतक की मोटरसाइकिल कार से आगे नहीं थी। दलील दी गई कि जब कार फुटपाथ से टकराकर पलट गई, तो बाइक भी कार के पीछे चल रही थी। दोनों की गति एक ही थी।

वकील प्रदीप राणा ने तर्क दिया कि ड्राइवर को इस बात की जानकारी नहीं थी कि बाइक पीछे आ रही है और कार से टकरा जाएगी। गगनप्रीत कौर को इसकी जानकारी नहीं थी, इसलिए उसका कोई इरादा नहीं था। आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) लगाने का कोई आधार नहीं है। बचाव पक्ष के वकील ने आगे तर्क दिया, "क्या उसे आघात की स्थिति में अस्पतालों के विवरण में जाने की आवश्यकता थी? अगर उसका इरादा होता, तो वह (गगनप्रीत कौर) मौके से भाग जाती।"

आरोपियों के वकील ने संजीव नंदा बीएमडब्ल्यू मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा कि आरोपी गगनप्रीत कौर मौके से भागी नहीं थी, बल्कि वह घायलों को अस्पताल ले गईं थीं। मोबाइल फोन पुलिस के पास है। वे पुष्टि कर सकते हैं कि उसने पीसीआर को कॉल किया था या नहीं। उनके पास सीडीआर हो सकती है। वह मौके से भागी नहीं, बल्कि घायलों को अस्पताल ले गई थी, वकील ने तर्क दिया।

 

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Published By : Amit Dubey

पब्लिश्ड 27 September 2025 at 16:51 IST