अपडेटेड 27 September 2025 at 16:29 IST
'पाकिस्तानी PIO के संपर्क में थे सोनम वांगचुक, PAK और बांग्लादेश की यात्रा भी की थी', लद्दाख के DGP का बड़ा खुलासा
Sonam Wangchuck: डीजीपी जामवाल ने कहा, "इसमें कुछ तथाकथित पर्यावरण कार्यकर्ता शामिल हैं; उनकी विश्वसनीयता पर भी सवालिया निशान है। उन्होंने मंच को हाईजैक करने की कोशिश की, और इसमें प्रमुख नाम सोनम वांगचुक का है, जिन्होंने पहले भी ऐसे बयान दिए हैं और बातचीत को पटरी से उतारने का काम किया है।"
- भारत
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Sonam Wangchuck: बीते दिनों लद्दाख के लेह जिले में प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था। इसमें 4 लोगों की मौत हुई थी और 70 से अधिक लोग और सुरक्षाकर्मी जख्मी हो गए थे। इस घटना के बाद पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ता और लद्दाख को राज्य का दर्जा देने समेत इसे संविधान की छठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया है।
न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, लेह में लद्दाख के डीजीपी एसडी सिंह जामवाल ने शनिवार को कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के पाकिस्तान से संबंध होने का आरोप लगाया और पड़ोसी देशों की उनकी यात्राओं पर सवाल उठाए।
वांगचुक के संपर्क में था पाकिस्तानी - डीजीपी
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, लेह में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए डीजीपी जामवाल ने कहा कि पुलिस ने एक पाकिस्तानी पीआईओ को गिरफ्तार किया है, जो वांगचुक के संपर्क में था। उन्होंने कहा, "हमने हाल ही में एक पाकिस्तानी पीआईओ को गिरफ्तार किया है जो रिपोर्टिंग कर रहा था। हमारे पास इसका रिकॉर्ड है। वह (सोनम वांगचुक) पाकिस्तान में डॉन के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। वह बांग्लादेश भी गए थे। इसलिए, उन पर बड़ा सवालिया निशान है... जांच की जा रही है।"
सोनम वांगचुक का भड़काने का इतिहास रहा है - डीजीपी
इसके अलावा, उन्होंने वांगचुक पर 24 सितंबर को लेह में हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "सोनम वांगचुक का भड़काने का इतिहास रहा है। उन्होंने अरब स्प्रिंग, नेपाल और बांग्लादेश का ज़िक्र किया है। एफसीआरए उल्लंघन के लिए उनके वित्तपोषण की जांच चल रही है।" लेह हिंसा के पीछे विदेशी संलिप्तता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने एएनआई से कहा, "जांच के दौरान दो और लोगों को पकड़ा गया। अगर वे किसी साजिश का हिस्सा हैं, तो मैं नहीं कह सकता। इस जगह पर नेपाली लोगों के मजदूर के रूप में काम करने का इतिहास रहा है, इसलिए हमें इसकी जांच करनी होगी।"
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डीजीपी जामवाल ने कहा कि भड़काऊ भाषण "तथाकथित पर्यावरण कार्यकर्ताओं" द्वारा दिए गए थे, जिसके कारण केंद्र शासित प्रदेश में हिंसा हुई।
सोनम वांगचुक पर केंद्र के साथ वार्ता को पटरी से उतारने का आरोप
लेह में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पुलिस अधिकारी ने कार्यकर्ता सोनम वांगचुक पर केंद्र के साथ वार्ता को पटरी से उतारने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "24 सितंबर को एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। इसमें चार लोगों की जान चली गई और बड़ी संख्या में नागरिक, पुलिस अधिकारी और अर्धसैनिक बल के अधिकारी घायल हुए। इन चल रही प्रक्रियाओं (केंद्र के साथ बातचीत) को विफल करने के प्रयास किए गए।"
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डीजीपी जामवाल ने कहा, "इसमें कुछ तथाकथित पर्यावरण कार्यकर्ता शामिल हैं; उनकी विश्वसनीयता पर भी सवालिया निशान है। उन्होंने मंच को हाईजैक करने की कोशिश की, और इसमें प्रमुख नाम सोनम वांगचुक का है, जिन्होंने पहले भी ऐसे बयान दिए हैं और बातचीत को पटरी से उतारने का काम किया है।"
एनएसए के तहत हुई है वांगचुक की गिरफ्तारी
रिपोर्ट के अनुसार, वांगचुक की गिरफ्तारी लेह में हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई है। 24 सितंबर को लेह में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था, जिसके बाद इलाके में भाजपा कार्यालय में आग लगा दी गई थी। हिंसक विरोध प्रदर्शनों में चार लोगों की मौत के दो दिन बाद, वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया। जलवायु कार्यकर्ता पर "हिंसा भड़काने" का आरोप लगाया गया है। वांगचुक भूख हड़ताल पर थे, जो हिंसा शुरू होने के तुरंत बाद समाप्त हो गई।
Published By : Amit Dubey
पब्लिश्ड 27 September 2025 at 16:29 IST