अपडेटेड 16 February 2025 at 17:57 IST
New Delhi Railway Station Stampede पर दिल्ली पुलिस की नई थ्योरी, कहा- दो ट्रेनों का नाम एक जैसा...
दिल्ली पुलिस ने इस भगदड़ के पीछे की वजह के बारे में बताया कि प्रयागराज स्पेशल के प्लेटफॉर्म-नंबर 16 पर आने का अनाउंसमेंट किया गया।
Delhi Police New Theory on New Delhi Railway Station Stampede: शनिवार (15 फरवरी) की रात लगभग साढ़े 9 बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गई मरने वालों में से 9 महिलाएं, 4 पुरुष और 5 बच्चे शामिल हैं। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से 2 स्पेशल ट्रेन प्रयागराज के लिए चलाईं गईं थीं। जिनको लेकर हुए अनाउंसमेंट को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हुई और ये भगदड़ मच गई। पहले तो रेलवे प्रशासन ने किसी भी तरह की क्षति की बात नहीं कही और भगदड़ की बात से भी इनकार किया था। बाद में धीरे-धीरे मामला सामने आता गया। अब इस भगदड़ पर दिल्ली पुलिस की नई थ्योरी सामने आई है।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, 'प्रयागराज' से शुरू होने वाले एक ही प्रारंभिक नाम वाली ट्रेनों की घोषणा के कारण भ्रम हुआ। प्लेटफार्म 16 पर प्रयागराज स्पेशल के पहुंचने की घोषणा से भ्रम की स्थिति पैदा हो गई, क्योंकि प्रयागराज एक्सप्रेस पहले से ही प्लेटफार्म 14 पर थी। जो लोग प्लेटफार्म 14 पर अपनी ट्रेन तक नहीं पहुंच सके, उन्हें लगा कि उनकी ट्रेन प्लेटफार्म 16 पर आ रही है, जिससे भगदड़ मच गई। इसके अलावा, प्रयागराज की ओर जाने वाली 4 ट्रेनें थीं, जिनमें से 3 देरी से चलीं, जिससे अप्रत्याशित भीड़भाड़ हुई।
दिल्ली पुलिस की अलग थ्योरी
दिल्ली पुलिस ने इस भगदड़ के पीछे की वजह के बारे में बताया कि प्रयागराज स्पेशल के प्लेटफॉर्म-नंबर 16 पर आने का अनाउंसमेंट किया गया। इस अनाउंसमेंट से प्लेटफॉर्म पर खड़े यात्रियों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि प्रयागराज एक्सप्रेस नामकी ट्रेन अनाउंसमेंट के पहले से ही प्लेटफॉर्म नंबर - 14 पर खड़ी थी। अब अनाउंसमेंट के बाद जो लोग 14 नंबर प्लेटफॉर्म पर नहीं पहुंच पाए, उन्हें लगा कि उनकी ट्रेन 16 पर आ रही है, जिस वजह से भगदड़ की मच गई। वहीं इस ट्रेन के अलावा प्रयागराज की ओर जाने वाली 4 ट्रेनें थीं, जिनमें से 3 लेट थी, जिस वजह से प्लेटफॉर्म पर काफी भीड़ इकट्ठा हो गई थी।
देवदूत बने कुली, घायलों और मृतकों को एंबुलेंस में पहुंचाया
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ के बाद हादसे में पीड़ितों के लिए देवदूत बने कुली। वहां मौजूद चश्मदीद कुलियों ने बताया कि साल 1981 के बाद पहली बार इतनी भीड़ स्टेशन पर देखी। हादसे के दौरान बिना किसी सरकारी निर्देश के कुलियों ने राहत और बचाव का काम शुरू कर दिया था। इस दौरान कुलियों ने 15 लाशों को उठाकर एंबुलेंस में रख दिया था। इसके अलावा कई घायलों को भी निकालकर एंबुलेंस तक पहुंचाया था। भगदड़ मचते देख कुलियों ने प्लेटफॉर्म पर आने के सभी रास्ते बंद किए ताकि और भीड़ प्लेटफॉर्म पर न पहुंच पाए। जो जहां गिरा वहीं दब गया और दोबारा उठ नहीं पाया।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 16 February 2025 at 17:57 IST