अपडेटेड 7 August 2024 at 23:01 IST

आशा किरण आश्रय गृह में भीड़-भाड़ कम करने के लिए तत्काल डॉक्टरों की भर्ती की जाए: उच्च न्यायालय

Asha Kiran Shelter Home: आशा किरण आश्रय गृह में हाल में 14 लोगों की मौत हो गई थी।

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Delhi Shelter Home Horror | Image: PTI

Asha Kiran Shelter Home: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को समाज कल्याण विभाग के सचिव को निर्देश दिया कि वह मानसिक रूप से कमजोर लोगों के लिए दिल्ली सरकार द्वारा संचालित आशा किरण आश्रय गृह में डॉक्टरों सहित कर्मचारियों की भर्ती को लेकर आवश्यक कदम उठाने में तत्परता दिखाए।

आशा किरण आश्रय गृह में हाल में 14 लोगों की मौत हो गई थी।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने हाल में पूर्वी दिल्ली में खुले नाले में गिरने से हुई मां-बेटे की मौत और कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत पर भी दुख जताया।

20 दिन में 14 लोगों की जान गई

अदालत ने कहा, ‘‘हमने 20 दिन में 14 लोगों की जान गंवाई है। आज इंसान की जान की कोई कीमत नहीं है। परसों हमने बेसमेंट में तीन छात्रों की मौत के मामले में सुनवाई की। कल हमने एक ऐसे मामले को निपटाया, जिसमें दो लोगों की जान चली गई। आपको तत्परता से काम करना चाहिए।’’

इसने पूर्व में सचिव को आश्रय गृह का दौरा करने और रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। सचिव ने अदालत को बताया कि आश्रय गृह में भीड़-भाड़ कम करनी होगी, क्योंकि वहां 570 व्यक्तियों की क्षमता के मुकाबले 961 लोग रह रहे हैं। अदालत को यह भी बताया गया कि मेडिकल कैडर में 12 पद रिक्त हैं और गैर-मेडिकल कैडर में भी पद रिक्त हैं।

पीठ ने सचिव को इस ‘‘आपात’’ स्थिति से निपटने के लिए अनुबंध आधार पर कर्मियों की भर्ती करने और अपेक्षित मंजूरी के लिए सक्षम प्राधिकारियों के समक्ष ‘‘फाइल भेजने’’ को कहा। पीठ ने कहा कि यदि मंजूरी नहीं दी गई तो वह न्यायिक आदेश पारित करेगी।

अदालत ने कहा, ‘‘भीड़-भाड़ कम करना सर्वोच्च प्राथमिकता है। डॉरमेट्री (आशा किरण में) में आने वाले डॉक्टरों और कर्मचारियों की कमी, मेडिकल और गैर-मेडिकल कर्मचारियों की कमी के मुद्दे पर ध्यान दिया जाना चाहिए तथा हमें सचिव को अनुबंध के आधार पर कर्मचारियों को नियुक्त करने का अधिकार देना चाहिए। यह एक आपात स्थिति है। 14 लोगों की जान चली गई...सर्वश्रेष्ठ लोगों की भर्ती करें।’’

पीठ ने कहा, ‘‘हमें निराश मत कीजिए। इसे सीमित अनुबंध ही रहने दें ताकि आप स्थायी भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर सकें। एक साल में आप प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।’’

स्थिति की निगरानी करेंगे

मामले को 12 अगस्त को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए अदालत ने सचिव के इस आश्वासन को रिकॉर्ड में लिया कि वह व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी करेंगे और किसी भी आकस्मिक स्थिति का ध्यान रखेंगे।

अदालत ने अपने आदेश में दर्ज किया, ‘‘चूंकि 20 दिन की छोटी सी अवधि में 14 लोगों की जान चली गई, इसलिए यह अदालत सचिव को निर्देश देती है कि वह स्थिति से निपटने के लिए तत्काल और आपातकालीन कदम उठाएं। सचिव ने कहा कि वह मुख्य सचिव और उपराज्यपाल से आवश्यक मंजूरी मांगेंगे।’’

इसने कहा, ‘‘जमीनी स्तर पर, चीजों को बदलना होगा। यथास्थिति इस तरह जारी नहीं रह सकती।’’

सचिव ने कहा कि भीड़-भाड़ से निपटने के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) के पास मौजूद इमारतों का उपयोग करने के लिए कुछ प्रस्ताव विचाराधीन हैं तथा इस मामले को संबंधित अधिकारियों के समक्ष उठाया जाएगा। अदालत ने अधिकारी से कहा कि वह एमसीडी आयुक्त से सीधे बात करके इमारत का उपयोग करने की अनुमति हासिल करें।

अदालत एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें मामले की जांच के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र समिति गठित करने का अनुरोध किया गया था।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 7 August 2024 at 23:01 IST