अपडेटेड 1 April 2025 at 17:48 IST

Delhi: कपिल मिश्रा को बड़ा झटका, दिल्ली दंगा मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिया FIR दर्ज करने का आदेश

साल 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगे में कपिल मिश्रा की कथित भूमिका की जांच के लिए कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।

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Kapil Mishra | Image: ANI

Courts Allows Lodging FIR against Kapil Mishra: उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में दिल्ली सरकार में मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता कपिल मिश्रा को राउज एवेन्यू कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने कपिल मिश्रा के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं।

साल 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगे में कपिल मिश्रा की कथित भूमिका की जांच के लिए कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। 

कपिल मिश्रा के खिलाफ जांच के निर्देश 

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, 'राउज एवेन्यू कोर्ट ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में कथित भूमिका के संबंध में दिल्ली के कानून मंत्री कपिल मिश्रा के खिलाफ आगे की जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अर्जी मंजूर कर ली है। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा पेश की गई सामग्री के आधार पर उनकी मौजूदगी कर्दम पुरी इलाके में थी और एक संज्ञेय अपराध पाया गया है जिसकी जांच की जानी चाहिए।'

मोहम्मद इलियास ने याचिका की थी दायर

वहीं अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने कहा कि दंगा मामले में जांच की आवश्यकता है। कोर्ट ने कहा कि यह स्पष्ट है कि कपिल मिश्रा कथित अपराध के समय इलाके में मौजूद थे। इस मामले में आगे जांच की आवश्यकता है। मजिस्ट्रेट यमुना विहार निवासी मोहम्मद इलियास की अगस्त 2024 में दायर याचिका पर दलीलें सुन रहे थे, जिसमें FIR दर्ज करने की मांग की गई थी। दिल्ली पुलिस ने इस याचिका का विरोध करते हुए दावा किया कि उत्तरी पूर्वी दिल्ली दंगों में कपिल मिश्रा की कोई भूमिका नहीं थी।

मोहम्मद इलियास ने मिश्रा के अलावा दयालपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी और पांच अन्य के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की। इन 5 लोगों में बीजेपी विधायक मोहन सिंह बिष्ट और पूर्व विधायक जगदीश प्रधान का नाम भी शामिल है। बता दें कि मोहम्मद इलियास ने अगस्त 2024 में याचिका दायर कर दावा किया था कि 23 फरवरी 2020 को उन्होंने कपिल मिश्रा और उनके साथियों को कर्दमपुरी में एक सड़क को ब्लॉक करते हुए देखा था। इस दौरान उन्होंने रेहड़ी-पटरी वालों की गाड़ियों को तोड़ते हुए भी देखा था। मौके पर तत्कालीन उत्तर पूर्व डिप्टी पुलिस कमिश्नर और दिल्ली पुलिस के अन्य अधिकारी कपिल मिश्रा के बगल में खड़े हुए थे। कपिल मिश्रा ने प्रदर्शनकारियों को जगह खाली करने या फिर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी।

इससे पहले अदालत ने फरवरी 2020 के उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में कपिल मिश्रा के खिलाफ प्राथमिकी की मांग करने वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।  

इससे पहले कोर्ट ने फैसला रखा था सुरक्षित

इससे पहले अदालत ने फरवरी 2020 के उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में कपिल मिश्रा के खिलाफ प्राथमिकी की मांग करने वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।  

क्या है पूरा मामला?

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे। इस दंगे में 53 लोग मारे गए थे, जबकि 200 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे। राजधानी में ऐसा दंगा दशकों से नहीं देखा गया था। इसी मामले में ताहिर हुसैन भी आरोपी है जो जेल में बंद है।

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Published By : Priyanka Yadav

पब्लिश्ड 1 April 2025 at 17:10 IST