अपडेटेड 12 November 2024 at 13:06 IST
कभी लॉरेंस, गोगी तो कभी टिल्लू...दिल्ली में हर दूसरे दिन मिल रही धमकी; 300 दिन में 160 थ्रेट कॉल
राष्ट्रीय राजधानी में इस साल अक्टूबर तक व्यापारियों से जबरन वसूली के लिए उन्हें 160 कॉल आई हैं यानी हर दूसरे दिन व्यापारी को जबरन वसूली के लिए धमकाया गया है।
राष्ट्रीय राजधानी में इस साल अक्टूबर तक व्यापारियों से जबरन वसूली के लिए उन्हें 160 कॉल आई हैं यानी हर दूसरे दिन व्यापारी को जबरन वसूली के लिए धमकाया गया है। पुलिस के सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि इनमें से अधिकांश कॉल विदेशी गैंगस्टर या उनके सहयोगियों द्वारा ‘वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल’ (वीओआईपी) या फिर अंतरराष्ट्रीय फोन नंबरों से की गई हैं।
उन्होंने बताया कि भवन निर्माताओं, प्रॉपर्टी डीलर, जौहरी, मिठाई की दुकानों और कार शोरूम के मालिकों को खासतौर पर जबरन वसूली के लिए फोन किया गया है। एक सूत्र ने बताया कि इस साल अक्टूबर तक (करीब 300 दिन में) व्यापारियों को जबरन वसूली के लिए करीब 160 कॉल की गई हैं। सूत्र के अनुसार कुछ मामलों में ऐसा हुआ है कि कॉल के बाद निशाना बनाए गए व्यक्ति के घर या कार्यालय के बाहर गोलीबारी की गई है।
चार दिन में सात मामले, सभी को बनाया निशाना
दिल्ली में पिछले सप्ताह मात्र चार दिन में सात ऐसे मामले सामने आए, जिनमें कुख्यात अपराधियों ने एक जौहरी, जिम मालिक, प्रॉपर्टी डीलर, मिठाई की दुकान के मालिक और एक मोटर वर्कशॉप के मालिक को निशाना बनाया है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सभी सात मामलों में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और विशेष प्रकोष्ठ तथा अपराध शाखा की अलग-अलग टीम अपराधियों को पकड़ने के लिए काम कर रही हैं। दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष 15 अगस्त तक राष्ट्रीय राजधानी में जबरन वसूली के कुल 133 मामले दर्ज किये गये हैं।
पिछले साल 141 मामले आए थे सामने
आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान कुल 141 ऐसे मामले सामने आए थे और 2022 के लिए यह आंकड़ा 110 था। पुलिस ने बताया कि 2023 में जबरन वसूली के 204 मामले और 2022 में 187 मामले सामने आए थे। ऐसे मामलों की जांच करने वाले एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कॉल करने वाले आरोपी ज्यादातर वीओआईपी नंबर या फर्जी सिम कार्ड पर लिए गए व्हाट्सएप नंबर का इस्तेमाल करते हैं।
सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में पिछले कुछ महीने में जबरन वसूली के लिए कॉल करने के साथ-साथ गोलीबारी और हत्याओं में शामिल 11 गिरोहों की पहचान की है। इन गिरोहों में लॉरेंस बिश्नोई-गोल्डी बराड़, हिमांशु भाऊ, कपिल सांगवान उर्फ नंदू, जितेंद्र गोगी-संपत नेहरा, हाशिम बाबा, सुनील टिल्लू, कौशल चौधरी, नीरज फरीदपुरिया और नीरज बवाना शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि गैंगवार के कारण मारे गए गोगी और टिल्लू को छोड़कर, इनमें से अधिकतर अपराधी या तो जेल में हैं या विदेश में रह रहे हैं।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 12 November 2024 at 13:06 IST