अपडेटेड 28 October 2025 at 16:56 IST

Delhi Artificial Rain: दिल्ली के इन इलाकों में होगी कृत्रिम बारिश, क्लाउड सीडिंग का दूसरा चरण सफल; 'दमघोंटू' हवा से मिलेगी राहत

Delhi Pollution: दिवाली के बाद से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक तरीके से बढ़ गया है। मंगलवार की सुबह दिल्ली का AQI 305 दर्ज किया गया, जो 'बेहद खराब' श्रेणी में आता है।

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दिल्ली में होने वाली है कृत्रिम बारिश | Image: Freepik

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए कृत्रिम बारिश यानी क्लाउड सीडिंग का एक और सफल परीक्षण किया गया है। इस ट्रायल के बाद अगले कुछ घंटों में राजधानी और आसपास के इलाकों में बारिश होने की संभावना है, हालांकि इसकी सफलता बादलों में नमी की मात्रा पर निर्भर करेगी।

मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि यह ट्रायल विमान के जरिए किया गया, जिसने मेरठ से दिल्ली के लिए उड़ान भरी थी। क्लाउड सीडिंग खेकड़ा, बुराड़ी, मयूर विहार और अन्य क्षेत्रों में की गई। इस पूरी प्रक्रिया में आठ फ्लेयर का इस्तेमाल हुआ और यह लगभग आधे घंटे तक चली। ट्रायल के नतीजतन बाहरी दिल्ली के इलाकों में हल्की बूंदाबांदी के साथ बारिश की उम्मीद है।

फिलहाल, मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक तापमान सामान्य से 3 डिग्री कम होने के कारण नमी की कमी है। हवा का रुख उत्तर की ओर होने के कारण बादलों के उत्तर (बाहरी दिल्ली) की ओर बढ़ने की संभावना है। सिरसा ने यह भी बताया कि क्लाउड सीडिंग का तीसरा ट्रायल भी आज ही होगा, जिसके कारण 15 मिनट से 4 घंटे के बीच कभी भी बारिश हो सकती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि दिल्ली के प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से अगले कई दिनों तक इसी तरह से उड़ानें जारी रहेंगी।

प्रदूषण की मार और सरकार का प्रयास

दिवाली के बाद से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक तरीके से बढ़ गया है। मंगलवार की सुबह दिल्ली का AQI 305 दर्ज किया गया, जो 'बेहद खराब' श्रेणी में आता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, शहर के 38 निगरानी केंद्रों में से 27 में इसी तरह की रीडिंग दर्ज की गई। वायु प्रदूषण में इस खतरनाक वृद्धि और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं के बीच यह कृत्रिम बारिश का प्रयास किया जा रहा है।

गौतलब है कि यह क्लाउड सीडिंग कानपुर के विमान द्वारा की गई। यह विमान मेरठ से दिल्ली आया और खेकड़ा, बुराड़ी, उत्तरी करोल बाग, मयूर विहार, सादकपुर और भोजपुर जैसे क्षेत्रों को कवर किया। यह पहला पूर्ण प्रयास है जो भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग की मंजूरी के बाद किया गया है।

क्या है क्लाउड सीडिंग?

क्लाउड सीडिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें विमान द्वारा सिल्वर आयोडाइड या सोडियम क्लोराइड जैसे केमिकल को बादलों में छोड़ा जाता है। ये कंडेनसेशन काम करते हैं, जिससे पानी की बूंदें बनती हैं और बारिश के रूप में नीचे गिरती हैं।

#WATCH | Delhi | "The second trial of cloud seeding was conducted in Delhi by IIT Kanpur through Cessna Aircraft. The aircraft entered Delhi from the direction of Meerut. Khekra, Burari, North Karol Bagh, Mayur Vihar were covered under this. 8 flares were used in cloud seeding.… pic.twitter.com/xMby0wBLJh

— ANI (@ANI)

अधिकारियों ने बताया कि ये क्लाउड सीडिंग परीक्षण व्यापक शीतकालीन प्रदूषण नियंत्रण रणनीति का हिस्सा हैं और इन्हें चरणों में संचालित किया जाएगा। दिल्ली सरकार ने ऐसे पांच परीक्षणों को मंज़ूरी दी थी। हालांकि, बार-बार मौसम की अनुकूल स्थिति न होने के कारण इस अभ्यास में कई बार देरी हुई और अंततः इस सप्ताह ट्रायल सफल हो सका है।

यह भी पढ़ें- दिल्ली में होने वाली है कृत्रिम बारिश, एयरक्राफ्ट ने कानपुर से भरी उड़ान

Published By : Sujeet Kumar

पब्लिश्ड 28 October 2025 at 16:56 IST