अपडेटेड 22 August 2024 at 09:52 IST
दिल्ली में बड़ी दिक्कत! आज से दो दिन तक ऑटो-टैक्सी की हड़ताल; सड़कों पर नहीं उतरेंगी 4 लाख गाड़ियां
दिल्ली-एनसीआर में ऑटो-टैक्सी चालक संगठनों ने 22 और 23 अगस्त को हड़ताल का ऐलान किया है। ऐसे में दो दिन तक लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
Auto-Taxi Strike: भारत बंद के बाद अब राजधनी में ऑटो-टैक्सी की हड़ताल शुरू हो गई है। दिल्ली-एनसीआर के प्रमुख ऑटो टैक्सी चालक संगठनों ने 22 और 23 अगस्त को हड़ताल का ऐलान किया है। ऐसे में दो दिन तक लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
दरअसल, ऑटो-टैक्सी ड्राइवरों के एक संगठन ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली-एनसीआर में चक्का जाम और हड़ताल का आह्वाहन किया है। एक आंकड़े के अनुसार, हड़ताल की वजह से करीब 4 लाख टैक्सी सड़कों पर नहीं उतरेगी। इससे ऑटो-टैक्सी और ऐप आधारित कैब सेवाएं सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकती हैं।
जंतर-मंतर पर जुटेंगे ऑटो-टैक्सी संगठनों के पदाधिकारी
ऑटो-टैक्सी संगठनों के पदाधिकारी आज अपनी मांगों को लेकर जंतर-मंतर पर जुटेंगे। इस धरने प्रदर्शन को दिल्ली पुलिस की ओर से अनुमति मिल गई है। यूनियन के अध्यक्ष किशन वर्मा का कहना है कि ऐप बेस्ड कैब सेवाओं से ऑटो-टैक्सी चालकों को नुकसान हो रहा है। कैब चालकों से मोटा कमीशन वसूला जा रहा है। इससे उनकी आजीविका पर बढ़ते प्रभाव के विरोध में हड़ताल का ऐलान किया गया है।
'चंदे के धंधे का खेल बंद हो'
दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन के अध्यक्ष किशन वर्मा कहा- 'हम कई सालों से ओला और उबर जैसी कंपनियों के बारे में सरकारों और विभागों को पत्र लिख रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। ये कंपनियां अपना पक्ष रखती हैं और सरकार अपना पक्ष रखती है, लेकिन ये धंधे चंदे के खेल की तरह चलते हैं। हम इस खेल को बंद करने की मांग करते हैं। ऑटो-टैक्सी चालकों का रोजगार प्रभावित हो रहा है, इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। प्राइवेट ओला और उबर टैक्सियां तस्करी में शामिल हैं और शराब और नशीले पदार्थों का भी कारोबार होता है। इन मुद्दों को लेकर हम हड़ताल पर जा रहे हैं। संगठन ने फैसला किया है कि 22 और 23 अगस्त को दिल्ली एनसीआर में सभी ऑटो और टैक्सी सेवाएं बंद रहेंगी।'
सरकार मांगों पर नहीं दे रही ध्यान इसलिए…
यूनियन के अध्यक्ष ने बताया कि पिछले कई महीनों से केंद्र और दिल्ली सरकार के अधिकारियों और मंत्रियों को पत्र लिखकर ऑटो टैक्सी चालकों की समस्याओं से अवगत कराया जा रहा है। साथ ही इनके समाधान के लिए बैठक बुलाने की मांग भी लगातार की जा रही है, लेकिन मांगों पर अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया गया है। ऐसे में हड़ताल पर जाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है।
Published By : Priyanka Yadav
पब्लिश्ड 22 August 2024 at 09:51 IST