अपडेटेड 10 July 2025 at 20:32 IST

BREAKING: 'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज पर दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक, कन्हैयालाल हत्याकांड पर बनी है फिल्म

दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म 'उदयपुर फाइल्स: कन्हैया लाल टेलर मर्डर' (Udaipur Files: Kanhaiya Lal Tailor Murder) की रिलीज पर रोक लगा दी है। फिल्म 11 जुलाई को रिलीज होने वाली थी।

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Delhi High Court puts interim stay on release of Udaipur Files | Image: X

Udaipur Files: दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म 'उदयपुर फाइल्स: कन्हैया लाल टेलर मर्डर' (Udaipur Files: Kanhaiya Lal Tailor Murder) की रिलीज पर तब तक के लिए रोक लगा दी है जब तक कि केंद्र सरकार जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा दायर उस पुनरीक्षण आवेदन पर फैसला नहीं ले लेती, जिसमें सीबीएफसी द्वारा फिल्म के प्रमाणन को चुनौती दी गई है।

हाईकोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता को पुनरीक्षण उपाय अपनाने के लिए बाध्य किया गया है, इसलिए अंतरिम राहत की याचिका पर फैसला होने तक रिलीज पर रोक लगा दी जानी चाहिए। यह फिल्म, जो 2022 के उदयपुर हत्याकांड पर आधारित है, 11 जुलाई को रिलीज़ होने वाली थी। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि फिल्म सांप्रदायिक विद्वेष भड़का सकती है और सीबीएफसी की ओर दिए गए सर्टिफिकेट पर पुनर्विचार की आवश्यकता है।

फिल्म निर्माता अमित जानी के वकील पुलकित अग्रवाल ने कहा, "अदालत ने आदेश दिया है कि इस फिल्म की रिलीज पर फिलहाल रोक लगा दी जाए। इसलिए, पूरा आदेश पढ़ने के बाद, हम बैठकर तय करेंगे कि इसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी जाए या नहीं। हम बस यह दिखाना चाहते हैं कि यह फिल्म हिंदू-मुस्लिम एकता के बारे में है। इसमें ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचे। कल याचिकाकर्ता के वकील ने पूरी फिल्म देखी। अगर फिल्म में कुछ भी होता, तो सेंसर बोर्ड इसे पास नहीं करता। सेंसर बोर्ड ने साठ से ज्यादा कट लगाए थे। उसके बाद इस फिल्म को सेंसर सर्टिफिकेट मिला।"

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने किया है फिल्म की रिलीज का विरोध

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर रोक लगाने के लिए दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात के हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए दावा किया कि ‘इस फिल्म में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की क्षमता है’।

उन्होंने कहा कि ‘उदयपुर फाइल्स एक खास धार्मिक समुदाय को बदनाम करती है और नफरत को बढ़ावा दे सकती है’। उनके मुताबिक, "ट्रेलर में इस्लाम के पैगंबर और उनकी पवित्र पत्नियों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है, जो देश में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ सकती है। फिल्म देवबंद को चरमपंथ के केंद्र के रूप में दिखाती है और इसके विद्वानों (उलेमा) के खिलाफ बेहद भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल करती है।" 
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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 10 July 2025 at 20:17 IST