अपडेटेड 16 August 2025 at 19:36 IST

Mumbai: जन्माष्टमी पर बड़ा हादसा, दहीहांडी की रस्सी बांधते समय एक गोविंदा की मौत; 30 से ज्यादा घायल 

मुंबई में दहीहंडी उत्सव के दौरान एक गोविंदा की मौत हो गई, जबकि 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए। यह घटना महाराष्ट्र नगर के मानखुर्द की बताई जा रही है।

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दहीहंडी उत्सव के दौरान एक गोविंदा की मौत | Image: Representative Image/ ANI

Janmashtami Dahi Handi Accident: मुंबई में जन्माष्टमी के अवसर पर दहीहांडी उत्सव के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया है। महाराष्ट्र नगर के मानखुर्द में बाल गोविंदा पथक में एक युवक की मौत हो गई, जबकि 30 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। मृतक की पहचान जगमोहन शिवकिरण चौधरी (32 साल) के रूप में हुई है।

मिली जानकारी के मुताबिक, जगमोहन चौधरी दहीहंडी की रस्सी बांधते वक्त नीचे जमीन पर गिर गए थे। उन्हें तुरंत शताब्दी हॉस्पिटल, गोवंडी ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

दहीहंडी उत्सव की सुरक्षा व्यवस्था 

मुंबई में दहीहंडी उत्सव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए थे। बृहन्मुंबई महानगर पालिका ने दहीहंडी उत्सव के दौरान सुरक्षा के मद्देनजर कई इंतजाम किए थे, लेकिन इसके बावजूद एक गोविंदा की मौत हो गई और 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए। उनमें से गई लोगों को गंभीर चोटें लगी हैं। इस घटना से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दहीहांडी उत्सव में भाग लेना जोखिम भरा है। प्रशासन और आयोजकों को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों पर खास ध्यान देने की जरूरत है।

एक तरफ हादसा, दूसरी ओर दहीहांडी प्रतियोगिता में विश्व रिकॉर्ड 

एक तरफ जहां मुंबई में जन्माष्टमी के दिन हादसा हुआ, वहीं दूसरी ओर ठाणे में दहीहांडी प्रतियोगिता में बड़ा रिकॉर्ड बनाया गया। जोगेश्वरी के कोकण नगर में गोविंदा पथक ने दही हांडी प्रतियोगिता में एक बड़ा रिकॉर्ड बना दिया। इस टीम ने 10 मंजिले मकान की ऊंचाई जितनी मानव पिरामिड बनाकर नया इतिहास रच दिया। यह 2025 का पहला 10 मंजिला विश्व रिकॉर्ड है।

परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक के संस्कृति दही हांडी कार्यक्रम में इस पथक ने 10 थर की मानवी पिरामिड रचकर इतिहास रच दिया। मंत्री ने कहा कि ये सिर्फ रिकॉर्ड नहीं, बल्कि एकाग्रता, टीम वर्क और संगठन का प्रतीक है। वहीं वर्ली इलाके में विधायक आदित्य ठाकरे ने दही हांडी के पर्व में सक्रिय भागीदारी दिखाई। उन्होंने कई जगहों पर पहुंचकर अपने क्षेत्र की दही हांडी परंपरा और इतिहास का हिस्सा बने। 

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 16 August 2025 at 19:36 IST