अपडेटेड 16 May 2025 at 14:16 IST
उम्र 2 साल, CRPF बटालियन में तैनाती... अचानक 200 मधुमक्खियों का हमला और शहीद हो गया K9 रोलो, गार्ड ऑफ ऑनर के साथ दी अंतिम विदाई
एक सिपाही था CRPF 228 बटालियन का K9 रोलो, जिसकी मृत्यु हो गई। शनिवार को सुकमा में CRPF जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देते हुए इस चार पैर वाले जांबाज को सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी।
देश की सुरक्षा सिर्फ इंसानों द्वारा ही नहीं की जाती, बल्कि उन मूक साथियों की भी जिम्मेदारी होती है जो जान की परवाह किए बिना ड्यूटी निभाते हैं। ऐसा ही एक सिपाही था CRPF 228 बटालियन का K9 रोलो, जिसकी मृत्यु हो गई। शनिवार को सुकमा में CRPF जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देते हुए इस चार पैर वाले जांबाज को सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी।
रोलो की उम्र सिर्फ 2 साल थी, लेकिन उसका जज्बा और समर्पण किसी अनुभवी जवान से कम नहीं था। वह हाल ही में छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर करेगुट्टा हिल्स में चल रहे विशेष नक्सल ऑपरेशन का हिस्सा था। ड्यूटी पूरी कर अपने हैंडलर के साथ लौटते वक्त रास्ते में मधुमक्खियों के छत्ते से सामना हो गया। अचानक हमला इतना जबरदस्त था कि रोलो पर 200 से ज्यादा मधुमक्खियों ने डंक मारा, जिसके बाद वह एनाफिलेक्टिक शॉक में चला गया और कुछ ही घंटों में दम तोड़ दिया।
खतरे को सूंघकर कर बार बचाई जवानों की- CRPF अधिकारी
CRPF अधिकारियों ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान रोलो ने कई बार खतरे को सूंघकर जवानों की जान बचाई थी। उसकी सूंघने की शक्ति और ट्रेनिंग उसे बेजोड़ बनाती थी। जवानों ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें शेयर कीं जिसमें रोलो को फ्लैग ड्रेप्ड ताबूत में लिटाया गया, उसके सामने CRPF के जवानों ने सलामी दी और पूरी गरिमा के साथ अंतिम संस्कार किया।
रोलो जिम्मेदार सिपाही था...
इस घटना ने ना सिर्फ सुरक्षाबलों को भावुक किया है, बल्कि देशभर में सोशल मीडिया पर लोगों ने उसे राष्ट्रीय हीरो, निस्वार्थ योद्धा और सच्चा देशभक्त जैसे शब्दों से श्रद्धांजलि दी है। रोलो की कुर्बानी यह याद दिलाती है कि सेवा और बलिदान की कोई भाषा नहीं होती और न ही यह केवल इंसानों तक सीमित रहती है। K9 रोलो को शत-शत नमन। जय हिंद।
Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 16 May 2025 at 14:02 IST