अपडेटेड 24 July 2025 at 22:34 IST
हनीमून पर हुई हत्या के बाद भटक रही राजा रघुवंशी की आत्मा! जिस खाई से बरामद हुई लाश, वहां पूजा कराना चाहता है परिवार; सोनम पर बड़ा खुलासा
अब राजा रघुवंशी के परिवार के लोगों का कहना है कि मेघायल में जिस जगह पर रघुवंशी की लाश मिली थी वो उस जगह पूजा पाठ कराना चाहते हैं।
Raja Raghuvanshi Murder Case: इंदौर के कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या को 60 दिन बीत चुके हैं। राजा की पत्नी सोनम ने अपने प्रेमी राज के तीन दोस्तों के साथ मिलकर हनीमून के दौरान खाई में फेंक दिया था। वारदात के लगभग एक सप्ताह बाद राजा की लाश मिली थी। अब राजा रघुवंशी के परिवार के लोगों का कहना है कि मेघायल में जिस जगह पर रघुवंशी की लाश मिली थी वो उस जगह पूजा पाठ कराना चाहते हैं। परिवारवाले ऐसा इसलिए करना चाह रहे हैं क्योंकि उन लोगों का मानना है कि राजा की आत्मा अब भी भटक रही है।
मंगलवार को शिलॉन्ग पहुंचे राजा रघुवंशी के भाई ने मीडिया से बातचीत की और बताया कि 'मैं सोहरा में उस स्थान पर जाऊंगा जहां राजा की लाश मिली थी। मैं वहां पूजा-पाठ कराना चाहता हूं। क्योंकि मुझे लगता है कि उसकी आत्मा अब भी भटक रही है।'हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि वो किस दिन पूजा पाठ कराएंगे और ऐसा क्यों लगता है कि राजा की आत्मा भटक रही है। आपको बता दें कि पिछले महीने राजा के पिता ने कहा था कि उन्हें लगता है कि उनके बेटे की आत्मा भटक रही है।
20 मई को हनीमून के लिए रवाना, 23 मई को हत्या और 2 जून को मिली लाश
राजा रघुवंशी की हत्या 23 मई को की गई थी। ईस्ट खासी हिल्स जिले के सोहरा इलाके में एक गहरी खाई में राजा का शव क्षत-विक्षत अवस्था में मिला था। आरोप है कि पत्नी सोनम रघुवंशी ने तीन अन्य आरोपियों के साथ मिलकर राजा को पहले धारदार हथियार से मारा और फिर उसकी लाश गहरी खाई में फेंक दी। काफी छानबीन के बाद राजा की लाश बरामद की गई थी। यह बेहद सुनसान इलाका है और एक ऊंची चोटी है, जहां अक्सर बादलों का डेरा होता है। 11 मई को शादी के बाद राजा और सोनम 20 मई को हनीमून पर निकले थे।
आत्मा की शांति के लिए उज्जैन में किया गया था तर्पण
राजा रघुवंशी की हत्या के बाद उसकी आत्मा की शांति के लिए उज्जैन के पवित्र सिद्धवट घाट पर तर्पण किया गया था। राजा के भाई विपिन रघुवंशी और सचिन रघुवंशी के साथ इस धार्मिक अनुष्ठान में आरोपी सोनम रघुवंशी का भाई गोविंद भी शामिल हुआ था।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 24 July 2025 at 20:21 IST