अपडेटेड 23 May 2025 at 20:59 IST
UP: अलीगढ़ का कुख्यात 'डॉक्टर डेथ' गिरफ्तार, 50 लोगों की हत्या के बाद टुकड़े कर मगरमच्छों को खिलाता था लाश
देश के सबसे खौफनाक सीरियल किलरों में शुमार देवेंद्र शर्मा उर्फ ‘डॉक्टर डेथ’ गिरफ्तारी के वक्त वह लोगों को प्रवचन दे रहा था और खुद को पुजारी के रूप में पेश कर रहा था। 67 वर्षीय देवेंद्र शर्मा का अतीत बेहद खौफनाक और आपराधिक गतिविधियों से भरा रहा है।
देशभर में आतंक का पर्याय बन चुके कुख्यात सीरियल किलर देवेंद्र शर्मा उर्फ 'डॉक्टर डेथ' को आखिरकार पुलिस ने पकड़ लिया है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने रविवार को उसे राजस्थान के दौसा जिले से गिरफ्तार किया। देवेंद्र शर्मा पर दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में 50 से अधिक लोगों की निर्मम हत्या का आरोप है। उसकी हत्या की शैली भी बेहद खौफनाक रही है। वह लोगों की हत्या के बाद उनके शवों को नहरों में मगरमच्छों के बीच फेंक देता था, ताकि सबूत न मिल सकें। अगस्त 2023 में वह तिहाड़ जेल से पैरोल पर बाहर आया था, लेकिन इसके बाद फरार हो गया और पुलिस को चकमा देता रहा। पुलिस के मुताबिक, फरारी के दौरान वह देश के कई हिस्सों में छिपता रहा और आखिरकार दौसा के एक आश्रम में पुजारी बनकर रहने लगा था। वह वहां शांत जीवन जीने का दिखावा कर रहा था, लेकिन क्राइम ब्रांच की निगरानी में अंततः उसे धर दबोचा गया। डॉक्टर की डिग्री रखने वाला यह शातिर अपराधी पुलिस के लिए लंबे समय से चुनौती बना हुआ था। उसकी गिरफ्तारी को कानून व्यवस्था की बड़ी सफलता माना जा रहा है।
देश के सबसे खौफनाक सीरियल किलरों में शुमार देवेंद्र शर्मा उर्फ ‘डॉक्टर डेथ’ गिरफ्तारी के वक्त वह लोगों को प्रवचन दे रहा था और खुद को पुजारी के रूप में पेश कर रहा था। 67 वर्षीय देवेंद्र शर्मा का अतीत बेहद खौफनाक और आपराधिक गतिविधियों से भरा रहा है। वह न सिर्फ 50 से अधिक हत्याओं का आरोपी है, बल्कि पहले एक बड़े किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट से भी जुड़ा रहा है। उसने कई गरीब और लाचार लोगों के अंगों की तस्करी की साजिशों में अहम भूमिका निभाई थी। डॉक्टर की डिग्री रखने वाला यह अपराधी पहले भी कई बार गिरफ्तार हो चुका है। उसे अब तक सात मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है, जबकि एक मामले में कोर्ट ने उसे फांसी की सजा भी दी है। अगस्त 2023 में वह तिहाड़ जेल से पैरोल पर बाहर आया था, लेकिन फिर फरार हो गया और दौसा के एक आश्रम में अपनी पहचान छिपाकर रहने लगा। दिल्ली पुलिस की यह कार्रवाई एक लंबे और खतरनाक अपराध-राज के अंत की ओर एक अहम कदम मानी जा रही है।
डॉक्टर डेथ के सीरियल किलर बनने की कहानी
125 अवैध से ज्यादा अवैध किडनी ट्रांसप्लांट के बाद करने लगा हत्याएं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देवेंद्र शर्मा पहले एक आम इंसान था। बुलंदशहर में बहन के पास रहकर इंटर की पढ़ाई की, फिर पटना से BAMS किया और 1982 में शादी भी। उसने छर्रा में गैस एजेंसी शुरू की, लेकिन 11 लाख रुपये का नुकसान झेलने के बाद कंपनी भाग गई। घाटे के बाद देवेंद्र 1992 में राजस्थान चला गया और फिर कभी गांव नहीं लौटा। पुलिस के अनुसार, यहीं से उसका आपराधिक सफर शुरू हुआ। उसने मानव अंगों की तस्करी शुरू कर दी और 1998 से 2004 के बीच अवैध किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट चलाया, जिसमें 125 से ज्यादा ट्रांसप्लांट कराए।
निशाने पर टैक्सी ड्राइवर
अलीगढ़ के एसपी देहात अमृत जैन ने मीडिया को बताया कि देवेंद्र शर्मा, जिसे 'डॉक्टर डेथ' कहा जाता है, थाना छर्रा का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ पहली एफआईआर 1994 में थाना बरला में कातिलाना हमले की दर्ज हुई थी। इसके बाद उसका आपराधिक रिकॉर्ड लगातार बढ़ता गया। देवेंद्र को हत्या की सनक थी। वह खासतौर पर टैक्सी ड्राइवरों को निशाना बनाता था। टैक्सी बुक करता, फिर ड्राइवर की हत्या कर देता। शवों को वह उत्तर प्रदेश के कासगंज स्थित हजारा नहर में फेंकता था, जो मगरमच्छों के लिए जानी जाती है। मगरमच्छ शव को पलभर में चट कर जाते, जिससे कोई सबूत नहीं बचता। इसके बाद वह ड्राइवर की टैक्सी को ब्लैक मार्केट में बेच देता था। यही उसका क्रूर और सुनियोजित तरीका था, जिसने उसे देश के सबसे खतरनाक सीरियल किलर्स में शुमार कर दिया।
50 से अधिक हत्या का आरोप
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सीरियल किलर देवेंद्र शर्मा उर्फ ‘डॉक्टर डेथ’ पर 50 से ज्यादा हत्याओं का आरोप है। इनमें से अब तक 8 मामलों में वह दोषी करार दिया जा चुका है। 7 मामलों में उसे उम्रकैद और हरियाणा के गुरुग्राम में एक हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई है। इन सज़ाओं के चलते वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद था। हालांकि, अगस्त 2023 में जब वह पैरोल पर बाहर आया, तो फरार हो गया और लंबे समय तक पुलिस की आंखों में धूल झोंकता रहा।
राजस्थान के दौसा में पुजारी बन कर काट रहा था फरारी
अगस्त 2023 में पैरोल जंप करने के बाद कुख्यात अपराधी देवेंद्र शर्मा ने खुद को बचाने के लिए धर्म की आड़ ले ली। वह राजस्थान के दौसा में एक आश्रम में पुजारी बनकर छिप गया और फरारी के दौरान प्रवचन देने लगा। इधर, दिल्ली पुलिस ने उसकी तलाश के लिए आधा दर्जन से ज्यादा टीमें गठित कीं। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने उसकी लोकेशन ट्रेस की और दौसा के आश्रम में दबिश दी। गिरफ्तारी के वक्त देवेंद्र आश्रम में प्रवचन कर रहा था, जिससे पुलिस भी हैरान रह गई।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 23 May 2025 at 20:59 IST