अपडेटेड 15 May 2024 at 10:32 IST
FLiRT से सावधान! भारत में Corona का ये नया वेरिएंट बेहद खतरनाक; दिखे ये लक्षण तो फौरन जाएं अस्पताल
WHO ने इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न माना है, इसका मतलब है कि यह घातक है और इसमें तेजी से फैलने की क्षमता है।
FLiRT COVID Variant in India: लॉकडाउन लगा, सोशल डिसटेंसिंग की गई, वैक्सीन भी लगी लेकिन अभी भी दुनिया कोरोना वायरस से निजात नहीं पा सकी है। अब जो खबर आ रही है वो डराने वाली है। भारत में नवंबर 2023 से ही कोरोना वायरस का नया वैरिएंट KP.2 सर्कुलेशन में है। इसे निकनेम के तौर पर FLiRT कहा गया है। अहम बात ये है कि अमेरिका, ब्रिटेन और दक्षिण कोरिया में कोविड के बढ़ते मामलों में FLiRT वेरिएंट से ही कनेक्शन जोड़ा जा रहा है।
FLiRT वेरिएंट का सबसे पहले अमेरिका में पता चला था। वहां इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। WHO ने इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न माना है, इसका मतलब है कि यह घातक है और इसमें तेजी से फैलने की क्षमता है। ऐसा माना जा रहा है कि इसमें वैक्सीन और इम्यूनिटी को चकमा देने की ताकत है। यानी इस पर वैक्सीन का फिलहाल कोई असर नहीं हो रहा है। johns hopkins ने इसके लक्षण और बचने के उपाय बताए हैं।
ओमिक्रॉन का नया सब वेरिएंट है FLiRT
ओमिक्रॉन के इस नए सब वेरिएंट को FLiRT का नाम दिया गया है। FLiRT में दो म्यूटेंट- KP.1.1 और KP.2 हैं। KP.2 से आया ‘FL’ फिर KP.1.1. से आया है, ‘RT’। एक तरफ FL, दूसरी तरफ RT और दोनों को अंग्रेजी के छोटे वाले i से जोड़कर FLiRT बना दिया गया है।
भारत में भी दिख रहा नए वेरिएंट का डर
INSACOG की तरफ से की गई 250 KP.2 जीनोम सीक्वेंसिंग में 128 सीक्वेंस महाराष्ट्र में थे। कहा जा रहा है कि मार्च में सबसे ज्यादा KP.2 सीक्वेंसेज पाए गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक डेटा बताता है कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा अनुपात में KP.2 सीक्वेंस रिपोर्ट कर रहा है। बीते 60 दिनों में GISAID में भारत की तरफ से अपलोड किए गए कुल डेटा में 29 फीसदी KP.2 का था।
क्या हैं इसके लक्षण
डॉक्टरों के मुताबिक इससे प्रभावित लोगों में स्वाद और सूंघने की शक्ति खत्म हो जाना, ठंड लगना, खांसी, खराश, नाक बंद या बहना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, सांस लेने में परेशानी, थकान, जैसे लक्षण देखे गए हैं।
FLiRT वेरिएंट से कैसे बचे
- भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें
- बार-बार धोने के माध्यम से हाथ की स्वच्छता बनाए रखें
- शारीरिक दूरी बनाए रखें
- बड़ी सभाओं और खराब हवादार क्षेत्रों से दूर रहें
- बार-बार छुई जाने वाली सतहों को नियमित रूप से कीटाणुरहित करें
- अस्वस्थ या रोगसूचक महसूस होने पर घर पर रहें
- कोरोना के जितने भी टीके हैं, उन्हें लगवाएं
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Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 15 May 2024 at 10:22 IST