अपडेटेड 26 June 2024 at 20:29 IST
देश में किसी भी हालत में 25 जून 1975 जैसा दिन दोबारा देखने को नहीं मिलेगा: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 1975 में देश में आपातकाल लगाए जाने को याद करते हुए कहा कि किसी भी हालत में अब मुल्क में ऐसा दिन दोबारा देखने को नहीं मिलेगा।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 1975 में देश में आपातकाल लगाए जाने को याद करते हुए बुधवार को कहा कि किसी भी हालत में अब मुल्क में ऐसा दिन दोबारा देखने को नहीं मिलेगा।
गाजियाबाद जिले में सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा, "देश पर पहले कभी ऐसे काले घने बादल नहीं मंडराये थे जो आज के दिन (1975) मंडराये थे। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र (1975) में अंधेरे में चला गया था। किसी भी हालत में अब भारत में ऐसा दिन देखने को नहीं मिलेगा।”
भारतीय लोकतंत्र की नींव मजबूत हो गई है- उपराष्ट्रपति धनखड़
उन्होंने कहा, “हम इतने मजबूत हो गये हैं, भारतीय लोकतंत्र की नींव इतनी मजबूत हो गई है कि गांवों, नगर पालिकाओं और जिलों में लोकतंत्र है।"
उल्लेखनीय है कि 25 जून 1975 को आधी रात को तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सलाह पर भारत में आपातकाल की घोषणा की थी।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने किया पौधारोपण
धनखड़ सीईएल परिसर पहुंचे और सबसे पहले पौधारोपण किया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि राज्यसभा के सभापति के तौर पर उन्होंने सांसदों से 100 पौधे लगाने को कहा है।
उन्होंने कहा, "मैं इसका पालन करता हूं। मुझे याद है कि जब मैं यहां पौधारोपण कर रहा था, तो प्रधानमंत्री ने कहा था कि 'मां के नाम एक पेड़' हमारा मिशन होना चाहिए क्योंकि इससे हमारे जीवन पर असर पड़ेगा।"
दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है- उपराष्ट्रपति धनखड़
सीईएल के अधिकारियों और कर्मचारियों के काम की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, "दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है। हम एक और औद्योगिक क्रांति के मुहाने पर हैं।"
उपराष्ट्रपति ने कहा, "हमें तकनीकी नवाचारों पर क्रमिक रूप से ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। आप इसका हिस्सा हैं और इस संबंध में आगे बढ़ेंगे।"
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Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 26 June 2024 at 20:29 IST