अपडेटेड 26 June 2024 at 20:21 IST

NEET पेपर लीक मामले एक्शन में CBI, हजारीबाग से प्रिंसिपल को हिरासत में लेकर पूछताछ की

सीबीआई की टीम ने प्रिंसिपल को हिरासत में ले लिया और पूछताछ के लिए अपने साथ चरही के सीसीएल गेस्ट हाउस ले गई।

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NEET पेपर लीक मामले में सीबीआई की ताबड़तोड़ एक्शन जारी है। CBI की एक टीम इस मामले में झारखंड के हजारीबाग पहुंची। यहां सीबीआई की टीम ने प्रिंसिपल को हिरासत में ले लिया और पूछताछ के लिए अपने साथ चरही के सीसीएल गेस्ट हाउस ले गई।

आज सीबीआई की टीम सुबह 11 बजे के लगभग एसबीआई बैंक में पहुची थी और यहां मौजूदा बैंक मैनेजर से पूछताछ की। 3 तारीख से लेकर 5 तारीख तक के सीसीटीवी के काउंटर्स नोट किए, टाइमलाइन समझने की कोशिश की, करीब एक घंटे बैंक में जांच करके सीबीआई की टीम निकल गई और अभी स्कूल प्रिंसिपल से पूछताछ की।

NEET पेपर लीक मामले एक्शन में CBI

नीट पेपर लीक मामले में धांधली का नेटवर्क महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, बिहार और झारखंड से निकलकर सामने आ रहा है। मामले में अलग-अलग राज्यों से अबतक कई गिरफ्तारियां भी हो चुकी है। इस बीच हजारीबाग ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसानुल हक ने रिपब्लिक के साथ बातचीत में खुलासा किया कि NEET परीक्षा का पेपर 3 मई को ट्रक से हजारीबाग पहुंचा।

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प्रिंसिपल एहसानुल हक ने कहा, "3 मई को रांची से NEET का पेपर नेटवर्क की गाड़ी से हजारीबाग पहुंचा। नेटवर्क का ट्रक SBI बैंक नहीं गया, बल्कि हजारीबाग के कोरियर के दफ्तर पहुंचा। नेटवर्क के ट्रक ड्राइवर ने SBI बैंक जाने से मना कर दिया। कोरियर आफिस से बैंक महज डेढ़ किलोमीटर दूर है। नेटवर्क के ट्रक से NEET के पेपर ओपन कमरे में उतारे गए, फिर रास्ते से गुजर रहे ई-रिक्शा को हाथ दे कर रोका गया। फिर ई-रिक्शा से ही NEET का पेपर SBI बैंक पहुंचाया गया।"

EOU ने जताई ट्रांसपोर्ट के दौरान पेपर लीक की शंका

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EOU की टीम जब हजारीबाग जांच के लिए पहुंची और कोरियर के दफ्तर गई तो प्रिंसिपल EOU की टीम के साथ मौजूद थे। EOU की इन्वेस्टीगेशन रिपोर्ट में भी ट्रांसपोर्ट के दौरान पेपर लीक होने की आशंका जताई है। प्रिंसिपल हजारीबाग के सिटी कोऑर्डिनेटर भी हैं। बता दें, नेटवर्क की गाड़ी वो होती है, जिसमें अलग-अलग कंपनी के कोरियर एक ही गाड़ी में आते हैं।

पैसों के हिसाब से कैंडिडेट को दिया गया लिमिटेड एक्सेस

जानकारी के अनुसार पूरे पेपर लीक कांड को एक संगठित तरीके से अंजाम दिया गया। पेपर करीब 48 घंटे पहले लीक हुआ और जिन केंडिडेट ने पैसा दिया उन्हें एक रात पहले ही मुहैया करवाया गया। यही वजह है कि पेपर लीक पेन इंडिया नहीं हो पाया। आरोपी इतने शातिर थे कि उन्होंने कैंडिडेट्स को लीक क्वेश्चन पेपर का लिमिटेड एक्सेस दिया था।

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 26 June 2024 at 20:13 IST