अपडेटेड 28 November 2024 at 17:17 IST

Sambhal Jama Masjid History: 16वीं शताब्दी की संभल जामा मस्जिद का पूरा इतिहास, क्या है विवाद की जड़?

Sambhal Jama Masjid History: 16वीं शताब्दी की संभल जामा मस्जिद का विवादित इतिहास, जानें इससे जुड़ी अनसुनी और चौंकाने वाली बातें!

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Sambhal Jama Masjid History | Image: Soical Media

Sambhal Jama Masjid History: उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा को हर किसी को परेशान कर दिया है। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई तो 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। मामले में सबूत के तौर पर दंगाई को वीडियो और ऑडियो भी सामने आए हैं, जिनके आधार पर पुलिस दंगाईयों पर एक्शन ले रही है। मामले में अबतक 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं।

अब यहां समझने वाली बात ये है आखिर ये पूरा विवाद क्या है? क्यों संभल की जामा मस्जिद का सर्वे कराया जा रहा है? हिंदू पक्ष क्या दावे कर रहा है? मुस्लिम पक्ष के क्या दावे हैं? संभल में वो जगह जहां आज विवाद हो रहा है क्या वो पहले हरिहर मंदिर था, अगर था तो वो कहां गया या फिर शुरू से ही मस्जिद थी? आइए जानते हैं संभल की जामा मस्जिद का पूरा इतिहास।

शाही जामा मस्जिद कहा है?

संभल शहर के केंद्र में ऊंचे टीले पर मोहल्ला कोट पूर्वी के भीतर शाही जामा मस्जिद बनी हुई है, जो आसपास की सबसे बड़ी इमारत है। ये इमारत 1920 में भारतीय पुरातत्व सर्वे (ASI) के तहत संरक्षित घोषित की गई, जिसके बाद ये एक राष्ट्रीय महत्व की इमारत भी मानी जाती है। संभल की जामा मस्जिद के मेन गेट के सामने ज्यादा हिंदू आबादी रहती है, जबकि मस्जिद की पिछली दीवार के चारों ओर मुस्लिम समुदाय के लोग बसे हैं।

संभल की जामा मस्जिद का इतिहास क्या है?

संभल की जामा मस्जिद, बाबर के 1526 और 1530 के बीच पांच साल के शासनकाल के दौरान बनाई गई 3 मस्जिदों में से एक है। अन्य दो मस्जिदों में एक पानीपत की मस्जिद है और दूसरी अयोध्या में ध्वस्त हो चुकी बाबरी मस्जिद थी। संभल आज के समय में मुस्लिम बाहुल्य शहर है, लेकिन हिंदू शास्त्रों में इसका अलग उल्लेख मिलता है। कहा जाता है कि घोर कलयुग के समय में यहां भगवान विष्णु के एक अवतार कल्कि प्रकट होंगे। वही कलयुग का अंत करके नए युग की शुरुआत करेंगे। संभल के मौजूदा हालात में इसकी चर्चा इसलिए कि दावा होता रहा है कि संभल में जहां जामा मस्जिद बनी है, वो एक मंदिर को तोड़कर बनाई गई। 1527-28 में बाबर के सेनापति ने श्री हरिहर मंदिर को आंशिक रूप से ध्वस्त किया था।

संभल में जामा मस्जिद या हरिहर मंदिर?

संभल की जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष दावा करता है कि हरिहर मंदिर को तोड़कर जामा मस्जिद बनाई गई थी। मुस्लिम पक्ष जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष की दावों को खारिज करता है। हालिया लड़ाई कानूनन लड़ी जा रही है, जिसमें अदालत की ओर से आए मस्जिद के सर्वे ऑर्डर पर काम हो रहा है। हिन्दू पक्ष के वकील गोपाल शर्मा ने बताया कि याचिका में उन्होंने बाबरनामा सहित दो किताबों का उल्लेख किया है। वकील गोपाल शर्मा के मुताबिक सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत में दाखिल याचिका में उन्होंने 'बाबरनामा' और 'आइन-ए-अकबरी' किताब का भी उल्लेख किया है, जिसमें हरिहर मंदिर होने की पुष्टि होती है। उन्होंने दावा किया कि इस मंदिर को 1529 में बाबर द्वारा तोड़ा गया था और अब इस मामले की 29 जनवरी को सुनवाई है। शर्मा ने कहा कि ‘एडवोकेट कमीशन’ की रिपोर्ट आने के बाद वह अपनी आगे की कार्यवाही तय करेंगे।

संभल के सिविल जज की अदालत में विष्णु शंकर जैन की ओर से जामा मस्जिद को लेकर वाद दायर किया गया। सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिशंकर जैन और केला देवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरि समेत 8 वादी हैं। वादियों ने भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और संभल जामा मस्जिद समिति को विवाद में पार्टी बनाया है।

याचिका में कहा गया- 'मस्जिद मूल रूप से एक हरिहर मंदिर था, जिसे 1529 में मस्जिद में बदल दिया गया। मंदिर को मुगल सम्राट बाबर ने 1529 में ध्वस्त कराया था। बाबरनामा और आइन-ए-अकबरी किताब में इस बात का उल्लेख है कि जिस जगह पर जामा मस्जिद बनी है, वहां कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था। यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संरक्षित क्षेत्र है। उसमें किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं हो सकता'

प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट का हवाला दे रहा मुस्लिम पक्ष

मुस्लिम पक्ष भी मानता है कि जामा मस्जिद बाबर ने बनवाई थी और आज तक मुसलमान इसमें नमाज पढ़ते आ रहे हैं। हालांकि मुस्लिम पक्ष कानूनी विवाद में सुप्रीम कोर्ट के 1991 के उस ऑर्डर को आधार बनाकर अपना विरोध दर्ज कराता है, जिसमें अदालत ने कहा था कि 15 अगस्त 1947 से जो भी धार्मिक स्थल जिस भी स्थिति में हैं, वो अपने स्थान पर बने रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या पर फैसले के समय भी इस पर जोर दिया था। इसके जरिए मुस्लिम पक्ष संभल की जामा मस्जिद पर हक जताता है और हिंदू पक्ष के दावे, किसी अन्य न्यायिक कार्यवाही को कानून की अवहेलना बताया है।

(इनपुट-भाषा के साथ डिजिटल डेस्क)

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 28 November 2024 at 17:17 IST