अपडेटेड 1 May 2025 at 11:19 IST
जाति जनगणना पर CM रेवन्त रेड्डी ने जताया पीएम मोदी का आभार, बोले- तेलंगाना की सोच को मिला राष्ट्रीय समर्थन
देश में सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़े कदम के तहत केंद्र सरकार ने आगामी जनगणना में जाति आधारित आंकड़े शामिल करने को मंजूरी दे दी है।
देश में सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़े कदम के तहत केंद्र सरकार ने आगामी जनगणना में जाति आधारित आंकड़े शामिल करने को मंजूरी दे दी है। इस फैसले का स्वागत करते हुए तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवन्त रेड्डी ने इसे "ऐतिहासिक निर्णय" बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। सीएम रेवन्त रेड्डी ने सोशल मीडिया पर लिखा- "तेलंगाना आज जो करता है, भारत कल वो करता है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और केंद्रीय मंत्रिमंडल का धन्यवाद करता हूं उन्होंने जाति जनगणना की वर्षों पुरानी मांग को स्वीकार किया। यह डेटा आधारित शासन और सामाजिक न्याय की जीत है।"
आपको बता दें कि तेलंगाना ने 2024 में देश का पहला सामाजिक, आर्थिक और जातीय सर्वेक्षण कराया था, जो 1931 के बाद पहली बार हुआ। इस सर्वे में सामने आया कि राज्य की 56.32% आबादी पिछड़े वर्गों (OBC) से है, जिसके आधार पर सरकार ने शिक्षा, रोजगार और राजनीतिक प्रतिनिधित्व में 42% आरक्षण का प्रस्ताव रखा।
सभी नेताओं ने की केंद्र सरकार के फैसले की सराहना
केंद्र सरकार के फैसले की सराहना देशभर के कई नेताओं ने की। हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी तेलंगाना सरकार की पहल की सराहना की। उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा- “मैं तेलंगाना के मुख्यमंत्री @revanth_anumula गरु को ऐतिहासिक जाति जनगणना के लिए बधाई देता हूं। यह स्वतंत्र भारत में अपनी तरह की पहली पहल थी।”
ओवैसी ने यह भी कहा कि मुस्लिम समुदाय की सामाजिक-आर्थिक स्थिति और विभिन्न उप-जातियों की स्थिति पर भी पारदर्शी डेटा जुटाना जरूरी है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि सर्वेक्षण के आंकड़े सार्वजनिक किए जाएं और उन्हीं के अनुरूप नीतियां बनाई जाएं ताकि वंचित वर्गों को उनका हक मिल सके। तेलंगाना की पहल ने राष्ट्रीय स्तर पर नई दिशा दी है। अब जब केंद्र सरकार भी आगे बढ़ी है, तो उम्मीद की जा रही है कि जाति जनगणना देश में समावेशी और न्यायसंगत विकास की नींव रखेगी।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 1 May 2025 at 11:08 IST