अपडेटेड 10 August 2024 at 22:17 IST
CM लालदुहोमा ने कहा- मेरी सरकार मिजोरम-असम सीमा विवाद को हल करने के लिए प्रतिबद्ध
लालदुहोमा ने एक बयान में कहा कि उनकी सरकार “मौजूदा कार्यकाल के दौरान अंतरराज्यीय सीमा विवाद को हल करने की इच्छुक है।”
मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार पड़ोसी राज्य असम के साथ सीमा विवाद सुलझाने और सीमा पर शांति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। लालदुहोमा ने एक बयान में कहा कि उनकी सरकार “मौजूदा कार्यकाल के दौरान अंतरराज्यीय सीमा विवाद को हल करने की इच्छुक है।” असम के सीमा सुरक्षा एवं विकास मंत्री अतुल बोरा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को आइजोल में लालदुहोमा के आधिकारिक आवास पर उनसे शिष्टाचार मुलाकात की।
लालदुहोमा ने कहा कि…
लालदुहोमा ने कहा कि अतीत में दोनों राज्यों के बीच कई बैठकें हुई थीं, जिनमें मुख्य रूप से यथास्थिति बरकरार रखने का निर्णय लिया गया था। उन्होंने कहा कि हालांकि यह स्थायी शांति स्थापित करने की दिशा में सही कदम नहीं था, बल्कि इससे शांति प्रक्रिया और सौहार्दपूर्ण ढंग से सीमा विवाद सुलझाने में देरी हुई।
मिजोरम के तीन जिलों-आइजोल, कोलासिब और ममित तथा असम के कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों को लेकर विवाद है, जिनके बीच 164.6 किलोमीटर लंबी सीमा है। यह विवाद औपनिवेशिक काल के दो परिसीमनों- बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन (बीईएफआर) के तहत 1875 की अधिसूचना और 1933 के भारतीय मानचित्र सर्वेक्षण से जुड़ा है। मिजोरम का दावा है कि 1875 की अधिसूचना के अनुसार, इनर लाइन आरक्षित वन क्षेत्र में 509 वर्ग मील का इलाका उसकी सीमा में आता है, जबकि असम 1933 के नक्शे को अपनी संवैधानिक सीमा मानता है। परिणामस्वरूप, आरक्षित वन में कुछ क्षेत्र अब असम के अंतर्गत आते हैं और 1933 के सीमांकन के तहत कुछ हिस्से मिजोरम की तरफ हैं।
जुलाई 2021 में उस समय संघर्ष बढ़ गया था जब दोनों राज्यों के पुलिस बलों के बीच सीमा पर गोलीबारी हुई, जिसके परिणामस्वरूप असम के छह पुलिसकर्मियों और एक आम नागरिक की मौत हो गई तथा 60 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 10 August 2024 at 22:17 IST