अपडेटेड 18 November 2024 at 23:33 IST
छत्तीसगढ़: बाघों के लिए संरक्षित क्षेत्रों की संख्या बढ़कर हुई चार
छत्तीसगढ़ सरकार ने गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य को बाघ अभयारण्य के रूप में अधिसूचित करने की घोषणा की।
छत्तीसगढ़ सरकार ने गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य को बाघ अभयारण्य के रूप में अधिसूचित करने की घोषणा की। इसके साथ ही राज्य में अब बाघों के लिए संरक्षित क्षेत्रों की संख्या बढ़कर चार हो गई है।
राज्य के जनसंपर्क विभाग ने सोमवार को वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा जारी चार नवंबर की अधिसूचना साझा की।अधिसूचना के मुताबिक, ‘गुरु घासीदास-तमोर पिंगला' बाघ अभयारण्य कहा जाएगा। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोमवार को छत्तीसगढ़ को इस मौके पर बधाई दी।
उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, “दहाड़ अब और तेज होगी। बाघ संरक्षण में भारत नयी उपलब्धियां हासिल कर रहा है। हमने छत्तीसगढ़ में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला को 56वें बाघ अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया है। गुरु घासीदास-तमोर पिंगला बाघ अभयारण्य 2,829 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। भारत एक ऐसे हरित भविष्य की दिशा में काम कर रहा है जहां मनुष्य और जानवर सद्भावनापूर्वक रहते हैं।”
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने एक्स पर कहा, “बधाई छत्तीसगढ़। गुरु घासीदास-तमोर पिंगला को देश का 56वां बाघ अभयारण्य घोषित किया जाना पूरे राज्य के लिए गौरव और खुशी का क्षण है।”
उन्होंने कहा कि यह बाघ अभयारण्य बाघों और वन्य जीवों के संरक्षण में सहायक होगा, साथ ही राज्य और राष्ट्र के लिए हरियाली और उज्जवल भविष्य की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा।
साय ने कहा, “छत्तीसगढ़ की जनता की ओर से इस दूरदर्शी और प्रभावशाली पहल के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव जी का हृदय से आभार।”
इंद्रावती (बीजापुर जिले में), उदंती-सीतानदी (गरियाबंद) और अचानकमार (मुंगेली) के बाद यह राज्य का चौथा बाघ अभयारण्य होगा।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 18 November 2024 at 23:33 IST