अपडेटेड 22 March 2025 at 13:29 IST
हाईकोर्ट के जज के घर कैश मिला भी की नहीं? फायर डिपार्टमेंट के दावे से मामले में आया नया मोड़, सच्चाई हैरान करने वाली
दिल्ली हाईकोर्ट के जज वर्मा के घर कथिततौर पर करोड़ों का कैश मिलने के मामले में नया मोड़ आया है। फायर डिपार्टमेंट के चीफ ने कैश मिलने के दावे से इंकार किया है।
Cash Discovery Row: दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित घर पर कथिततौर पर करोड़ों का कैश मिलने के मामले में नया मोड़ आया है। फायर डिपार्टमेंट के चीफ ने कैश मिलने के दावे से इंकार किया है। अब अतुल गर्ग के इस बयान ने सस्पेंस बढ़ा दिया है।
दरअसल, दिल्ली फायर ब्रिगेड के चीफ अतुल गर्ग ने जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर कथित 'नोटों का भंड़ार' मिलने के दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि घर पर आग बुझाने के दौरान दमकल कर्मियों को कोई नकदी नहीं मिली।
नोटों का ढेर मिलने की बात नकारी
दिल्ली फायर सर्विस (DFS) के चीफ अतुल गर्ग ने एजेंसी को बताया कि 14 मार्च की रात करीब 11:35 पर लुटियंस दिल्ली स्थित जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर आग लगने की सूचना मिली। इसके बाद दमकल की दो गाड़ियां मौके पर आग बुझाने पहुंचीं। आग स्टेशनरी और घरेलू सामान से भरे एक स्टोर रूम में लगी थी जिसे बुझाने में लगभग 15 मिनट का समय लगा। इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। हमारे अग्निशमन कर्मियों को भी आग बुझाने के दौरान कोई नकदी नहीं मिली।
हाईकोर्ट कॉलेजियम ने शुरू की जांच
शुक्रवार, 21 मार्च को हाईकोर्ट कॉलेजियम ने यशवंत वर्मा के खिलाफ एक शुरुआती जांच शुरू की। जस्टिस वर्मा के घर से कथिततौर पर बेहिसाब कैश मिलने की बात सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनका इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने दोनों मामलों को अलग-अलग बताते हुए बयान जारी किया। SC ने कैश मिलने की सूचना को गलत बताया और कहा कि जस्टिस यशवंत वर्मा के बंगले से कैश मिलने और उनके तबादले का आपस में कोई संबंध नहीं है।
क्या है पूरा मामला?
ये घटना होली (14 मार्च) के दिन की है। दिल्ली के तुगलक रोड पर जस्टिस यशवंत वर्मा के घर देर रात 11.30 बजे आग लग गई। तब जज शहर में नहीं थे। होली के त्योहार में वह कहीं बाहर गए हुए थे। इसके बाद आग बूझाने के लिए फायर ब्रिगेड और पुलिस को बुलाया गया। आग बुझाने के लिए बचावकर्मी एक कमरे में घुसे तो हक्के बक्के रह गए। कमरे में भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर करने का प्रस्ताव
दिल्ली पुलिस की ओर से मामले में जानकारी गृह मंत्रालय को दी गई और इस संबंध में एक रिपोर्ट भेजी गई। गृह मंत्रालय ने इस रिपोर्ट को सीजेआई संजीव खन्ना को भेज दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीजेआई ने 20 मार्च को कॉलेजियम की बैठक बुलाई। इसमें जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाइकोर्ट वापस भेजने का प्रस्ताव पास हुआ। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट से ही जस्टिस यशवंत वर्मा साल 2021 में दिल्ली हाईकोर्ट भेजे गए थे।
कॉलेजियम के कुछ सदस्यों का ऐसा मानना है कि ऐसे गंभीर मामलों में सिर्फ ट्रांसफर काफी नहीं है। न्यायपालिका की छवि इससे धूमिल होती है और संस्था के प्रति जनता का विश्वास कम होगा। ऐसे में सुझाव दिया गया कि जस्टिस यशवंत वर्मा से इस्तीफा मांगा जाना चाहिए। अगर वह इस्तीफ देने से मना करते हैं तो उनकी सीजेआई द्वारा इन-हाउस जांच शु्रू की जानी चाहिए।
Published By : Priyanka Yadav
पब्लिश्ड 22 March 2025 at 09:26 IST