अपडेटेड 31 January 2025 at 11:38 IST

प्रयागराज हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जताया दुख, कहा- 'घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं'

Budget Session:राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया है। इस दौरान राष्ट्रपति ने महाकुंभ में हुई भगदड़ की घटना पर दुख जताया।

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president droupadi murmu | Image: sansad tv

Parliament Budget Session: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पिछले दिन प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ की घटना पर दुख जताया है। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन संगम स्नान के लिए श्रद्धालुओं में भदगड़ मची थी और इस दौरान जनहानि भी हुई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के बजट सत्र की शुरुआत में इस घटना पर दुख जताया है।

संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में कहा, 'ऐतिहासिक महाकुंभ चल रहा है। ये हमारी सांस्कृतिक परंपराओं और सामाजिक जागरण का पर्व है। देश-दुनिया से करोड़ों श्रद्धालुओं ने प्रयागराज में पवित्र डुबकी लगाई है। मौनी अमावस्या पर हुई दुर्घटना पर मैं अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं।'

राष्ट्रपति ने अभिभाषण में सरकार की योजनाओं को गिनाया

राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने अभिभाषण में केंद्र सरकार की उपलब्धियों का विस्तार से जिक्र किया है। जन कल्याणकारी योजनाओं पर बात रखते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की विकास यात्रा के इस अमृतकाल को आज मेरी सरकार अभूतपूर्व उपलब्धियों के माध्यम से नई ऊर्जा दे रही है। राष्ट्रपति ने कहा कि तीसरे कार्यकाल में तीन गुना तेजी से काम हो रहा है। आज देश बड़े निर्णयों और नीतियों को असाधारण गति से लागू होते देख रहा है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, 'विकसित भारत के निर्माण में किसान, जवान, विज्ञान के साथ ही अनुसंधान का बहुत बड़ा महत्वपूर्ण है। हमारा लक्ष्य भारत को ग्लोबल पावर हाउस बनाना है। देश के शिक्षण संस्थानों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए 50 हजार करोड़ की लागत से अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन स्थापित किया गया है।' राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार देश में महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास में विश्वास करती है। सरकार का लक्ष्य 3 करोड़ लखपति दीदी बनाना है। कोई भी शिक्षा से वंचित न रहे इसलिए मातृ भाषा में शिक्षा के अवसर दिए जा रहे हैं। विभिन्न भर्ती परीक्षाएं 13 भारतीय भाषाओं में आयोजित कर भाषा संबंधित बाधाओं को दूर किया गया है।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 31 January 2025 at 11:38 IST