अपडेटेड 3 December 2024 at 16:13 IST

Budaun: नीलकंठ महादेव या 850 साल पुरानी जामा मस्जिद? कोर्ट में टली सुनवाई लेकिन आया ये नया अपडेट

Budaun: नीलकंठ महादेव मंदिर बनाम बदायूं की शम्सी मस्जिद मामले में आज 3 दिसंबर को सुनवाई टल गई है।

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नीलकंठ महादेव या 850 साल पुरानी जामा मस्जिद? | Image: instagram /@shrineelkanth_temple/

नीलकंठ महादेव मंदिर बनाम बदायूं की शम्सी मस्जिद मामले में आज 3 दिसंबर को सुनवाई टल गई है। नीलकंठ महादेव मंदिर बनाम जामा मस्जिद शम्सी मामले में अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी। सिविल जज सीनियर डिवीजन ने सुनवाई करते हुए इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 10 दिसंबर की तारीख निर्धारित की है।

साल 2022 में अखिल भारतीय हिंदू महासभा के मुकेश पटेल ने जामा मस्जिद के नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा करते हुए याचिका दाखिल की थी। इस मामले में मुस्लिम पक्ष के वकील असरार अहमद ने बहस करते हुए कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मस्जिद 850 साल पहले बनवाई गई थी और वहां पर कोई मंदिर अस्तित्व में नहीं है, इसलिए यह याचिका खारिज होने योग्य है।

10 दिसंबर को मामले की अगली सुनवाई

कोर्ट ने मामले की सुनवाई के अगली तारीख 10 दिसंबर की निर्धारित की हैं। वह हिंदू पक्ष इसमें पूजा का अधिकार मांग रहा है और उसने कई सारे सबूत कोर्ट को दिए हुए हैं मुस्लिम पक्ष की सुनवाई के बाद हिंदू पक्ष अपनी सुनवाई करेगा।

850 साल पुरानी है मस्जिद

शम्सी शाही मस्जिद इंतजामिया कमेटी के अधिवक्ता असरार अहमद ने दावा किया कि मस्जिद करीब 850 साल पुरानी है और वहां मंदिर का कोई अस्तित्व नहीं है। हिंदू महासभा को इस मामले में याचिका दायर करने का अधिकार ही नहीं है। साक्ष्यों के साथ अदालत में पेश हुए वादी पक्ष के अधिवक्ता विवेक रेंडर ने कहा कि उन्होंने मंदिर में पूजा-अर्चना की अनुमति के लिए अदालत में ठोस साक्ष्य के साथ याचिका प्रस्तुत की है।

शम्सी शाही मस्जिद को बदायूं शहर की सबसे ऊंची इमारत माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह मस्जिद देश की तीसरी सबसे पुरानी और सातवीं सबसे बड़ी मस्जिद है, जिसमें 23,500 लोगों के एकसाथ नमाज अदा करने की क्षमता है। 

(इनपुट- पीटीआई)

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 3 December 2024 at 16:13 IST