अपडेटेड 30 July 2024 at 22:30 IST
पश्चिम बंगाल: ED ने 10 अलग-अलग जगहों पर मारे छापे, राशन घोटाले का मामला
चावल और आटा मिल के साथ-साथ ऐसे व्यवसायियों के कार्यालयों पर भी छापेमारी की गई जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से घोटाले में शामिल हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले की जांच के सिलसिले में मंगलवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में 10 अलग-अलग स्थानों पर एक साथ छापे मारे। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि एजेंसी के अधिकारियों ने केंद्रीय बलों के साथ मिलकर राजरहाट, बारासात, बशीरहाट, भांगर और देगंगा इलाकों में व्यापारियों एवं तृणमूल कांग्रेस के दो नेताओं के आवासों तथा मिल और कार्यालयों पर छापे मारे।
एक अधिकारी ने बताया कि...
एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘चावल और आटा मिल के साथ-साथ ऐसे व्यवसायियों के कार्यालयों पर भी छापेमारी की गई जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से घोटाले में शामिल हैं। देगंगा के तृणमूल कांग्रेस के दो नेताओं के मिल की तलाशी भी ली जा रही है।’’ उन्होंने बताया कि ईडी अधिकारियों ने उस तृणमूल कांग्रेस नेता के वाहन की भी तलाशी ली, जिसे राज्य के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक का करीबी माना जाता है। मलिक को घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।
सोना, कोयला और गौ तस्करी के मामलों में संलिप्त बशीरहाट में संग्रामपुर के एक अन्य व्यवसायी के परिसरों पर भी छापे मारे गए। अधिकारी ने कहा, ‘‘इस व्यवसायी ने राशन वितरण घोटाले के साथ-साथ सोना और ईंट भट्टा कारोबार में भी भारी मात्रा में पैसा लगाया था।’’ इस व्यवसायी को 2014 में सोने की तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 30 July 2024 at 22:30 IST