अपडेटेड 6 September 2024 at 09:17 IST
हरा गमछा; जिसे लालू लाइसेंस बताते थे, अब तेजस्वी कर रहे उसी से तौबा; क्या है इसके पीछे की सोच
बिहार में अगले साल चुनाव है, उसके पहले राजद अब रूप बदलने जा रही है। गले से गमछा उतर जाएगा और इसके बदले सिर पर हरी टोपी नजर आएगी।
Bihar News: 'हरा गमछी जरूर रखिए, वो लाइसेंस है'...राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव ने सितंबर 2021 में अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को ये लाइसेंस दिया था। लालू यादव ने हरे गमछे को लाइसेंस बताया था। अब 3 साल बाद पार्टी को पाबंदी लगानी पड़ रही है। राजद ने अपने नेताओं के लिए निर्देश जारी किए हैं और लंबी फेहरिस्त में हरे गमछे को किनारे रखने को कहा गया है।
असल में बिहार में अगले साल चुनाव है और इसके पहले हर चाल सोच समझकर चली जा रही है। कुछ इसी तरह राजद अब रूप बदलने जा रही है। गले से गमछा उतर जाएगा और इसके बदले सिर पर हरी टोपी नजर आएगी। 10 सितंबर से तेजस्वी यादव पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ संवाद यात्रा करने वाले हैं और इसी कार्यक्रम के लिए गमछा पर एक तरीके से पाबंदी लगाने के निर्देश पार्टी ने दिए हैं। निर्देश दिए गए कि हर गमछे के स्थान पर पार्टी की हरी टोपी और बैज के पहनावे को प्राथमिकता दें।
हरे गमछे पर बैन की जरूरत क्यों पड़ी?
पिछले दिनों चुनावों के बीच तेजस्वी यादव खुद हरा गमछा लेकर चल रहे थे। वो यात्राओं में हर गमछे को उछालते थे और फिर गमछे से मुरेठा (पगड़ी) बांध लेते थे। आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय जनता दल ने हरे गमछे को हटाने का कारण नहीं बताया है, लेकिन अब इसे जंगलराज का आरोप झेलने वाली राजद की तरफ से अपनी छवि बदलने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। दरकिनार नहीं किया जा सकता है कि राजद कई सवालों में घिरी है कि हरा गमछा जो है, उसे पार्टी कार्यकर्ता गुंडागर्दी का लाइसेंस मानते हैं। अब शायद तेजस्वी ने इसे भांप लिया है।
हरे गमछा की जगह टोपी से बदलेगा स्वरूप
कहा जाता है कि राजद के पास यादवों और मुसलमानों का एक मजबूत और प्रभावी वोटबैंक है, खैर राजद का एमवाई (मुस्लिम-यादव) फॉर्मूला पिछले कुछ चुनावों में फेल साबित हुआ है। हालिया लोकसभा चुनाव नतीजे बताते हैं कि बिहार की 40 लोकसभा सीटों में राजद मात्र 4 सीटें जीत पाई। शायद इसीलिए मुस्लिम-यादव तक सिमटकर रहने वाली राजद अब दायरा बढ़ाने की कोशिश में लगी है। उसके लिए पहले उसने अपना रूप को बदलने की दांव चला है।
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 6 September 2024 at 09:17 IST