अपडेटेड 24 March 2025 at 21:44 IST
Bihar: इफ्तार पॉलिटिक्स में नया ट्विस्ट, लालू की पार्टी से कांग्रेस नदारद, पशुपति का मिला साथ; चुनावों से पहले बदलेगा समीकरण?
Bihar: रमजान का पवित्र महीना चल रहा है और बिहार में जमकर सियासी इफ्तार हो रही है। सियारी पार्टियां आए दिन रोजेदारों को इफ्तार करा रही हैं।
Bihar: रमजान का पवित्र महीना चल रहा है और बिहार में जमकर सियासी इफ्तार हो रही है। सियारी पार्टियां आए दिन रोजेदारों को इफ्तार करा रही हैं। इसी क्रम में राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू यादव की ओर से पटना में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया। इस पार्टी में लालू परिवार के साथ आरजेडी के कई नेता भी नजर आए। लेकिन सबसे बड़ी बात ये सामने आई है कि लालू की इफ्तार पार्टी से कांग्रेस नेता नदारद रहे।
इस इफ्तार पार्टी का आयोजन आरजेडी नेता अब्दुल बारी सिद्दकी के आवास पर किया गया था, जिसमें लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस भी शामिल हुए हैं। सियासी लोगों के अलावा लालू की इफ्तार पार्टी में मुस्लिम धार्मिक संगठनों के कई धार्मिक नेता पहुंचे हैं।
लालू की इफ्तार पार्टी से कांग्रेस नदारद
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू यादव की इफ्तार पार्टी से कांग्रेस नेताओं की गैर-हाजिरी महागठबंधन के लिए अच्छे संकेत तो नहीं हैं। लोकसभा चुनावों के बाद से इंडी गठबंधन में फूट किसी से छिपी नहीं है, कई राज्यों में इंडी गठबंधन का ताना बाना बिखर चुका है, तो कई नेता खुलकर ये बात बोल चुके हैं कि ये गंठबंधन तो सिर्फ लोकसभा चुनावों के लिए था, राज्यों के लिए नहीं। अब क्या इंडी गठबंधन की तरह बिहार में महागठबंधन में भी सबकुछ ठीक नहीं हैं?
लालू की इफ्तार पार्टी में पहुंचे धार्मिक मुस्लिम नेता
लालू प्रसाद यादव की ओर से अब्दुल बारी सिद्दकी के आवास पर आयोजित इफ्तार पार्टी में मुस्लिम धार्मिक संगठनों के कई धार्मिक नेता पहुंचे। ये वही मुस्लिम धार्मिक संगठनों के प्रमुख हैं जिन्होंने सीएम नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी में शामिल होने से इनकार कर दिया था। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में मुसलमानों की ओर से नीतीश कुमार को झटका लग सकता है और आरजेडी का ये पैंतरा उनकी मुश्किलें बढ़ा सकता है।
'MY' समीकरण में होगा बदलाव?
बिहार में 'MY' समीकरण काफी सालों तक प्रभावी रहा। लंबे समय तक मुसलमान और यादवों का वोट लालू यादव को एक तरफा मिलता रहा। लेकिन नीतीश कुमार ने इसमें सेंधमारी करके मुस्लिम वोट को अपनी तरफ खींच लिया। लेकिन एक बार फिर हाला बदलते दिख रहे हैं। नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी से मुस्लिम संगठनों की दूरी और लालू यादव की इफ्तार पार्टी से उन्हीं मुस्लिम संगठनों की नजदीकी आगामी चुनाव के लिए बड़े संकेत दे रही है। बहरहाल, चुनावों में इसका क्या असर होगा ये तो आने वाले भविष्य में ही पता चलेगा लेकिन इस घटनाक्रम ने सियासी हलचल जरूर बढ़ा दी है।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 24 March 2025 at 21:22 IST